Hindi paragraph on: majdoor ko dekhkar mein dravit ho utha.
anshujain90:
एक मजदुर की जिंदगी की जिंदगी बड़ी ही कष्ट व् दुःख भरा होता है।एक मजदुर दो जून की रोटी के लिए दिन भर मेहनत करता है और शाम को भोजन नसीब होता है।वाही मजदुर को देखकर मैं बार बार द्रवित हो उठता हूँ ।
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hey mate .
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एक मजदुर की जिंदगी की जिंदगी बड़ी ही कष्ट व् दुःख भरा होता है।एक मजदुर दो जून की रोटी के लिए दिन भर मेहनत करता है और शाम को भोजन नसीब होता है।वाही मजदुर को देखकर मैं बार बार द्रवित हो उठता हूँ ।
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