Hindi, asked by shelmisanthoshozb2cr, 1 year ago

hindi paragraph on sacha mitra

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Answered by aryanchaudhari
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वैसे तो मेरे कई मित्र हैं वे सभी बड़े अच्छे हैं हम सभी एक ही स्कूल में पढ़ते हैं और एक साथ खेलते हैं किन्तु सभी मित्रों में से राम मेरा सबसे प्रिय मित्र है।

राम मेरे घर के नजदीक ही रहता है उसके पिता जी एक इंजीनियर है और उनकी माता जी एक अध्यापिका हैं। राम की एक छोटी बहन भी है  वह बड़ी ही प्यारी नटखट बालिका है जो चौथी कक्षा में पढ़ती है।

राम बड़ा ही आज्ञाकारी और शांत स्वभाव का लड़का है वह किसी से लड़ता -झगड़ता भी नहीं है समय का सही उपयोग करना , अच्छी -अच्छी पुस्तकें पढ़ना , हर किसी से प्यार से बात करना उसकी यह आदतें मुझे बहुत पसंद हैं इन्ही आदतों की वजय से सभी उसे बहुत प्यार करते हैं। वह एक आदर्श मित्र है। राम पढने में बहुत हुशियार है वह हमेशा ही क्लास में प्रथम आता है। वह पढाई के साथ -साथ खेलों में भी बड़ा अच्छा खिलाड़ी है वह क्रिकेट बहुत अच्छा खेलता है।

Answered by bindidevi002
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Explanation:

सच्चा मित्र वही है जो मित्र के दु:ख में काम आता है। वह मित्र के कण जैसे दु:ख को भी मेरु के समान भारी मानकर उसकी सहायता करता है। एक सच्चा मित्र प्राणों से भी अधिक मूल्यवान होता है। मित्रता के अभाव में जीवन सूना हो जाता है। आचार्य रामचंद्र शुक्ल के अनुसार- “सच्ची मित्रता में उत्तम वैद्य की-सी निपुणता और परख होती है। अच्छी-से-अच्छी माता का सा धैर्य और कोमलता होती है।” गोस्वामी तुलसीदास ने सच्चे मित्र के विषय में कहा है-

जे न मित्र दुःख होहिं दुखारी,

तिन्हहि बिलोकत पातक भारी।

निज दुःख गिरि सम रजे करि जाना,

मित्रक दु:ख रज मेरु समाना।।

सच्चा मित्र हमारे लिए प्रेरक, सहायक और मार्गदर्शक का काम करता है। जब भी हम निराश होते हैं, मित्र हमारी हिम्मत बढ़ाता है। जब हम परास्त होते हैं, वह उत्साह देता है। सच्चा मित्र हमारे लिए शक्तिवर्धक औषधि बनकर सामने आता है। वह हमें पथभ्रष्ट होने से भी बचाता है और सन्मार्ग की ओर अग्रसर करता है। सच्चा मित्र | सरलता से नहीं मिलता। इसलिए मित्र का चुनाव सोच-समझकर करना चाहिए। केवल बाहरी चमक-दमक, वाक्प टुता अथवा आर्थिक स्थिति को देखकर ही मित्र का चयन कर लेना उचित नहीं है, इसके लिए उसके व्यवहार, आचरण तथा अन्य बातों पर ध्यान देना आवश्यक होता है। सच्चा मित्र सच्चरित्र, विनम्र, सदाचारी तथा विश्वास पात्र होना चाहिए, क्योंकि सच्ची मित्रता मनुष्य के लिए वरदान है। किसी ने ठीक ही कहा है- ‘सच्चा प्रेम दुर्लभ है, सच्ची मित्रता उससे भी दुर्लभ।’

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