hindi paragraph writing on रोटी की आत्म कथा in 100 words
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मैं रोटी हूं. हर किसी को मुझे देखकर बहुत ही खुशी होती है क्योंकि मैं हर किसी की भूख मिटा देती हूं चाहे गरीब हो, चाहे अमीर हो, चाहे बच्चे हो, बूढ़े हो, नौजवान हो सभी को मेरी जरूरत होती है. मैं दूसरों के काम आती हूं हर किसी की मैं मदद करती हूं, भूखे बेसहारा लोगों के चेहरे पर पलभर मे मुझे देखकर मुस्कान आ जाती है.
मेरा निर्माण गेहूं से हुआ है सबसे पहले एक किसान के खेत में गेहूं उगाए गए थे. किसान ने बड़ी मेहनत करके गेहूं की फसलों की देखरेख करके गेहूं को उगाया और फिर अनाजमंडी में जाकर उन गेहूं को बेच दिया फिर किसी ने उन गेहूं को खरीद लिया और फिर गेहूं को पीसने वाली आटा चक्की में भेज दिया. मुझे गेहूं की आटा चक्की में पीसा गया और फिर गेहूं से आटा बना और उस आटे को मेरा मालिक अपने घर ले गया. उस आटे से रोटिया बनाई गयी. उन्हें तवे पर अच्छी तरह से सेका गया और उस गेहूं के आटे से रोटीया बनायी गईं.
हेलो दोस्तों, मैं हूं रोटी। हर किसी को मुझे देख कर बहुत खुशी होती है, क्योंकि मै सबकी भूख मिलता देती हूं चाहे कोई अमीर हो या गरीब। भूखे बेसहारा लोगों के मूख पर पलभर के लिए मुझे देख कर मुस्कान आ जाती है। मैं अपने जीवन में बहुत ही खुश हूं क्योंकि मैं दूसरों के काम आती हूं। बहुत सारे लोग पैसे कमाने की होड़ में कुछ भी करते हैं परंतु सच ये है कि पैसे भूख नहीं मिटा सकते, भूख मै मिटा सकती हूं। मेरे भाई बहन भूख मिटा सकते है जैसे दाल,चावल, सब्जी।