Hindi, asked by Kartikcomputermaster, 1 year ago

Hindi poem 20-25 lines

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Answered by URJAAZ
4
hi there
urjaaz here

well there is it

mark it as the brainliest plz
hope it helps you
see you soon
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URJAAZ: this poem is written by me not copied from any sources so please mark it as the brainliest please and yeah I hope it helps you
vanshikabu: but... I can see that u have taken pic from ur hindi book
URJAAZ: no actually my poem was published in a magazine
vanshikabu: ok
URJAAZ: of my school I am from Delhi Public School
vanshikabu: ok
URJAAZ: u r pretty
vanshikabu: tq
URJAAZ: :)
vanshikabu: l;-)
Answered by roopa2000
0

Answer:

Hindi poem 20-25 lines

रात यों कहने लगा मुझसे गगन का चाँद,

आदमी भी क्या अनोखा जीव है ।

उलझनें अपनी बनाकर आप ही फँसता,

और फिर बेचैन हो जगता, न सोता है ।

जानता है तू कि मैं कितना पुराना हूँ?

मैं चुका हूँ देख मनु को जनमते-मरते ।

और लाखों बार तुझ-से पागलों को भी

चाँदनी में बैठ स्वप्नों पर सही करते।

आदमी का स्वप्न? है वह बुलबुला जल का

आज उठता और कल फिर फूट जाता है ।

किन्तु, फिर भी धन्य ठहरा आदमी ही तो

बुलबुलों से खेलता, कविता बनाता है ।

मैं न बोला किन्तु मेरी रागिनी बोली,

देख फिर से चाँद! मुझको जानता है तू?

स्वप्न मेरे बुलबुले हैं? है यही पानी,

आग को भी क्या नहीं पहचानता है तू?

मैं न वह जो स्वप्न पर केवल सही करते,

आग में उसको गला लोहा बनाता हूँ ।

और उस पर नींव रखता हूँ नये घर की,

इस तरह दीवार फौलादी उठाता हूँ ।

मनु नहीं, मनु-पुत्र है यह सामने, जिसकी

कल्पना की जीभ में भी धार होती है ।

वाण ही होते विचारों के नहीं केवल,

स्वप्न के भी हाथ में तलवार होती है।

स्वर्ग के सम्राट को जाकर खबर कर दे

रोज ही आकाश चढ़ते जा रहे हैं वे ।

रोकिये, जैसे बने इन स्वप्नवालों को,

स्वर्ग की ही ओर बढ़ते आ रहे हैं वे।

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