Hindi poem based on birds
Answers
Answer:
Short Poem on Birds in Hindi
ओ री चिड़िया
पेड़ों पर कूदती है कभी,
और कभी पानी में नहाती।
कभी तो पंखों को फैलाकर अपने,
दूर आसमाँ में उड़ जाती।
ओ री चिड़िया!
क्यों? डरती हो मुझसे,
पास क्यों नही आती ?
अगर मैं पास तुम्हारे आती,
झट से क्यों आसमाँ में उड़ जाती।
शायद ये पेड़ और पक्षी है तुम्हारे सच्चे मित्र,
इसीलिए तो ये प्रकृति ही,
तेरे मन को भाती।
- निधि अग्रवाल
ईश्वर ने इस प्रकृति के सभी जीव-जन्तुओं को अद्भुद और सुन्दर रंगों से सजाया है। उन्होनें पशु और पक्षियों को बड़े ही कलात्मक तरिके से बनाया है। इन पंक्षियों की अपनी ही अलग सी दुनियाँ होती है, बिल्कुल अद्भुद और अनोखी सी। खुले आकाश में उड़ना, जिंदगी को जी भर के जीने की कला तो कोई इनसे सीखे। ये पंक्षी तो देखने में भले ही छोटे हो, पर हमें कोई न कोई सीख अवश्य देते हैं।
hope it helps you mark as brainliest ✌✌✌
Answer:
पेड़ों पर कूदती है कभी,
और कभी पानी में नहाती।
कभी तो पंखों को फैलाकर अपने,
दूर आसमाँ में उड़ जाती।
ओ री चिड़िया!
क्यों? डरती हो मुझसे,
पास क्यों नही आती ?
अगर मैं पास तुम्हारे आती,
झट से क्यों आसमाँ में उड़ जाती।
शायद ये पेड़ और पक्षी है तुम्हारे सच्चे मित्र,
इसीलिए तो ये प्रकृति ही,
तेरे मन को भाती।
- निधि अग्रवाल
Explanation:hope it helps you