Hindi, asked by shera, 1 year ago

hindi poem for class 7

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Answered by mchatterjee
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जब तान छिड़ी, मैं बोल उठा
जब थाप पड़ी, पग डोल उठा
औरों के स्वर में स्वर भर कर
अब तक गाया तो क्या गाया?

सब लुटा विश्व को रंक हुआ
रीता तब मेरा अंक हुआ
दाता से फिर याचक बनकर
कण-कण पाया तो क्या पाया?

जिस ओर उठी अंगुली जग की
उस ओर मुड़ी गति भी पग की
जग के अंचल से बंधा हुआ
खिंचता आया तो क्या आया?

जो वर्तमान ने उगल दिया
उसको भविष्य ने निगल लिया
है ज्ञान, सत्य ही श्रेष्ठ किंतु
जूठन खाया तो क्या खाया?
Answered by devi3747
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Answer:

इम्तिहान

कहते हैं ज़िन्दगी का दूसरा नाम इम्तिहान हैं

पर क्यूँ, हर इम्तिहान में कोई न कोई क़ुर्बान हैं

अक्सर टूटे सपनो से बिखर जाया करते है वो लोग…

जो भी यहां जीवन के सच से रहते अनजान है

अब सपने संजोने वाली उन आखों का क्या कसूर

नादान दिल की वो तो बस एक छवि, एक पहचान है

ज़िन्दगी समझते हैं कुछ लोग चंद पलों को

इश्क़ में कहाँ रहता ज़मीन पर कोई इंसान है

जब मिलती है सजा ज़िन्दगी में, किसी से दिल लगाने की,

लगे बोझ खुदा का वो तोहफा, जिसका नाम जान है

ज़िन्दगी कितना भी दे गम, हंस के जी लो यारों

मौत भी आज तक कहाँ हुयी किसी पे मेहरबान है

जीवन सुख दुःख का एक घूमता चक्र है

जो ना समझा ये, वो नादान है, वो नादान है

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