Hindi poem on holi not from Google. Send a poem written by yourself . I will. mark you as brainlist answer . hurry up time limit 2 hrs .
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Explanation:
होली है भाई होली है|
सबके घरों में रंग और रंगोली है|
होली की है रीत पुरानी ।
कोई भी किसी की बात ना मानी|
चारों तरफ है रंग से बचने की होर|
लेकिन सबके चेहरों पर है रंग का ही शोर|
खाने में भी कोई नहीं है पीछे|
मिठाइयां और खीर का स्वाद है सबको
खींचे|
सदियों से चला आ रहा है रीत|
होली में हम गाते हैं गीत|
भारत है देश हमारा|
जहां त्यौहार है ढेर सारा|
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Answer:
holi hai bhi holi hai
bhagwan ki bheji hui rango ki goli h
rang h bilkul pakke
sab kha rhe hai golgappe
badrango par bhi rang hai holi
risto ko badane wala touhar hai hali
ina ,meena sab hai aaye
sang me 4 glass bhang bhi laye
bam bhole h bhang ke data
isliye ise pike sab sach hai batate
Explanation:
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