hindi poem on nature
Answers
Answered by
1
सावन की घटा…..सावन की घटा लहरके बरसी आज अरसे के बाद !!
सोंधी मिटटी की खुसबू महकी आज अरसे के बाद !!मेघ गाते मल्हार नभ में आज अरसे के बाद !
घन घन करते बरस रहे आज अरसे के बाद !!जंगल में हो गया मंगल आज अरसे के बाद !
पपीहा बोला,मयूरी नाची आज अरसे के बाद !!भीगे भीगे प्रीतम निखरे आज अरसे के बाद !!
प्रियसी मन लगी अग्न आज अरसे के बाद !!चारो और देखा आलम ख़ुशी का अरसे के बाद !
लगा मन को मौसम सुहाना आज अरसे के बाद !!
!
!
!डी. के. निवातियाँ _____@@@
सोंधी मिटटी की खुसबू महकी आज अरसे के बाद !!मेघ गाते मल्हार नभ में आज अरसे के बाद !
घन घन करते बरस रहे आज अरसे के बाद !!जंगल में हो गया मंगल आज अरसे के बाद !
पपीहा बोला,मयूरी नाची आज अरसे के बाद !!भीगे भीगे प्रीतम निखरे आज अरसे के बाद !!
प्रियसी मन लगी अग्न आज अरसे के बाद !!चारो और देखा आलम ख़ुशी का अरसे के बाद !
लगा मन को मौसम सुहाना आज अरसे के बाद !!
!
!
!डी. के. निवातियाँ _____@@@
Similar questions