Hindi poem on the topic Bharat Kal Aaj Aur Kal
Answers
Answered by
10
कल का भारत गुलामी वाली जिंदगी से लड़कर आज़ाद हुआ था।
आज का भारत फिर से गुलामी वाली जिंदगी जीने के कतार पर खड़ी है।
फिर कल का भारत खुले आसमान में उन्मुक्त होकर उड़ने का प्रयास करेगा।
आज का भारत फिर से गुलामी वाली जिंदगी जीने के कतार पर खड़ी है।
फिर कल का भारत खुले आसमान में उन्मुक्त होकर उड़ने का प्रयास करेगा।
Answered by
10
भारत कल आजऔर कल
कल तो जौहर की ज्वाला पर I
कितनी ही जली सतियाँ II
कितने तो प्रज्वलित चिता पर I
पति के संग चली सतियाँ II
आलिंगित होकर पुरुषों से I
किन्तु नृत्य करती हैं आज II
कितने देने को तलाख I
चली कोर्ट में ताज कर लाज II
कल राम राज का सपना था I
बापू थे अमर सेनानी II
आज निकाले श्रवन पिता को I
घर घर की तो यही कहानी I
तब भारत के लिए शहीद हुए कितने सेनानी II
आज भारत को बेच यहाँ से जा रहे ये बलिदानी ?
Similar questions