Hindi, asked by sharmapintu, 3 months ago

Hindi poem "Veer kee Tarah "

Answers

Answered by taekook7013
16

जियो या मरो, वीर की तरह।

चलो सुरभित समीर की तरह।

जियो या मरो, वीर की तरह।

वीरता जीवन का भूषण

वीर भोग्या है वसुंधरा

भीरुता जीवन का दूषण

भीरु जीवित भी मरा-मरा

वीर बन उठो सदा ऊँचे,

न नीचे बहो नीर की तरह।

जियो या मरो, वीर की तरह।

भीरु संकट में रो पड़ते

वीर हँस कर झेला करते

वीर जन हैं विपत्तियों की

सदा ही अवहेलना करते

उठो तुम भी हर संकट में,

वीर की तरह धीर की तरह।

जियो या मरो, वीर की तरह।

वीर होते गंभीर सदा

वीर बलिदानी होते हैं

वीर होते हैं स्वच्छ हृदय

कलुष औरों का धोते हैं

लक्ष-प्रति उन्मुख रहो सदा

धनुष पर चढ़े तीर की तरह।

जियो या मरो, वीर की तरह।

वीर वाचाल नहीं होते

वीर करके दिखलाते हैं

वीर होते न शाब्दिक हैं

भाव को वे अपनाते हैं

शब्द में निहित भाव समझो,

रटो मत उसे कीर की तरह।

जियो या मरो वीर की तरह।

Please Mark me as Brainliest !

Answered by alommehbub0940
1

Answer:

जियो या मरो, वीर की तरह, चलो सुरभित समीर' की तरह।

वीरता जीवन का भूषण,

वीर भोग्या है वसुंधरा ।

भीरुता' जीवन का दूषण, भीरु जीवित भी मरा-मरा । वीर बन उठो सदा ऊँचे, न नीचे बहो नीर' की तरह।

भीरु संकट में रो पड़ते,

वीर हँस कर झेला करते। वीर जन हैं विपत्तियों की,

सदा ही अवहेलना करते ।

उठो तुम भी हर संकट में,

वीर की तरह धीर' की तरह।

वीर होते गंभीर सदा

वीर बलिदानी होते हैं।

वीर होते हैं स्वच्छ हृदय,

कलुष औरों का धोते हैं।

"लक्ष - प्रति उन्मेख रहो सदा,

धनुष पर चढ़े तीर की तरह।

वीर वाचाल' नहीं होते, वीर करके दिखलाते हैं। वीर होते न शाब्दिक हैं, भाव को वे अपनाते हैं।

शब्द में निहित भाव समझो, रटो मत उसे कीर की तरह। जियो या मरो वीर की तरह।

-श्रीकृष्ण सरले

Similar questions