Hindi poems on father
Answers
Answer:
Mere Pyare Papa
मेरे प्यारे प्यारे पापा,
मेरे दिल में रहते पापा,
मेरी छोटी सी ख़ुशी के लिए
सब कुछ सेह जाते हैं पापा,
पूरी करते हर मेरी इच्छा ,
उनके जैसा नहीं कोई अच्छा,
मम्मी मेरी जब भी डांटे,
मुझे दुलारते मेरे पापा,
मेरे प्यारे प्यारे पापा !
Answer:
********POEM*******
हर घर में होता है वो इंसान
जिसे हम पापा कहते है।
सभी की खुशियों का ध्यान रखते
हर किसी की इच्छा पूरी करते
खुद गरीब और बच्चों को अमीर बनाते
जिसे हम पापा कहते है।
बड़ों की सेवा भाई-बहनों से लगाव
पत्नी को प्यार, बच्चों को दुलार
खोलते सभी ख्वाहिशों के द्वार
जिसे हम पापा कहते है।
बेटी की शादी, बेटों को मकान
बहुओं की खुशियां, दामादो का मान
कुछ ऐसे ही सफर में गुजारे वो हर शाम
जिसे हम पापा कहते है।
********POEM********
बरगद की गहरी छांव जैसे,
मेरे पिता।
जिंदगी की धूप में,
घने साये जैसे मेरे पिता।।
धरा पर ईश्वर का रूप है,
चुभती धूप में सहलाते,
मेरे पिता।
बच्चों संग मित्र बन खेलते,
उनको उपहार दिला कर,
खुशी देते।
बच्चों यूं ही मुस्कुराओं की
दुआ देते मेरे पिता।।
संकट में पतवार बन खड़े होते,
आश्रय स्थल जैसे है मेरे पिता।
बूंद बूंद सब को समेटते,
अंधेरी में देकर हौसला,
कहते मेरे पिता।।
तुम को किस का डर है,
गमों की भीड़ में,
हंसना सिखाते,
मेरे पिता।
और अपने दम पर,
तूफानों से लड़ना,
किसी के आगे तुम नहीं झुकना,
ये सीखलाते मेरे पिता।
परिवार की हिम्मत,
और विश्वास है,
उम्मीद और आस की,
पहचान है मेरे पिता।