Hindi Question Amrit Snahaya Topic Pariksha
अभ्यास-प्रश्न 1. सरदार सुजानसिंह दीवान का पद क्यों छोड़ना चाहते थे?
2. उम्मीदवार की पात्रता के लिए सुजान सिंह ने किन गुणों को आवश्यक माना?
3. लोगों के व्यवहार में क्या बदलाव थे?
4. हॉकी खेलने वालों ने क्या निर्णय लिया और क्यों?
5. दीवान का पद किसे मिला और क्यों?
Answers
- निम्लिखित प्रश्नो के उत्तर करें
1) सरदार सुजानसिंह दीवान का पद क्यों छोड़ना चाहते थे?
उत्तर :- क्योंकी वह बूढ़े हो गए थे और ईश्वर भक्ति में अपना ध्यान लगाना चाहते थे।
2) उम्मीदवार की पात्रता के लिए सुजान सिंह ने किन गुणों को आवश्यक माना?
उत्तर :- उसकी पत्रतर के लिए उन्होने आत्मबल, साहस और उदारता जैसे गुणों को आवश्यक माना।
3) लोगों के व्यवहार में क्या बदलाव थे?
उत्तर :- जिससे बात करते वही नम्रता का पुजारी सदाचर का देवता बना नजर आता था। शर्मा जी रात से वेद - मंत्र पढ़ने लगते और भोलवी साहब नमाज़।
4) हॉकी खेलने वालों ने क्या निर्णय लिया और क्यों?
उत्तर :- एक दिन नए फैशन वालों को सूझी की हॉकी का खेल ही हो जाए। यह प्रस्ताव हॉकी के मंजे हुए खिलाड़ियों ने पेश किया। सोचा हुनर ही कुछ काम आ जाए। इसे भी क्यों न अजमाया जाए।
5) दीवान का पद किसे मिला और क्यों?
उत्तर :- जनकीनभ को मिला क्योंकि," जो व्यक्ति स्वयं जख्मी होकर। गरीब किसान की गाडी नाले से निकलकर ऊपर चढ़ा दे ऐसे व्यक्ति गुणों से भरपूर होते हैं और यह सबका भाला चाहेंगे"।
धन्यवाद!
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Answer:
Ans1-सरदार सुजान सिंह बूढे हो चुके थे । उनका शरीर शिभिल हो चुका था । ऐसे में उनसे कोई भूल न हो जाए कि उनके बुढ़ापे में कोई दाग जाए इसलिए वे दीवाली का पद छोड़ना चाहते थे ।
Ans2 -उम्मीदार की पात्रता के लिए निम्न गुणों का होना जरुरी था 1- जरूरी नहीं था कि वह ग्रेजुएट हो। 2- उसका तंदरुस्त होना जरूरी था । 3-उसे कोई पेट की बीमारी न हो। 4-एक महीने तक उम्मीदवार को यहाँ रख कर परखा जाएगा ।
Ans 3-लोगों के व्यवहार में कई बदलाव से जो लोग देर तक सोया करते थे वे अब दिखावे के लिए जल्दी उने लगे । जिन लोगों को हुक्का पीने की आदत थी । वे अब किवाड बंद कर कमरे में सिगार पीने लगे । जिन लोगों को किताबों से घृणा भी वे अब बडे ग्रंथ में डूबे रहते थे । सभी लोग सदाचार होने का दिखावा कर रहे थे ।
Ans 4-हॉकी खेलने वालों ने यह निर्णय लिया कि हमें हॉकी का एक मैच रखना चाहिए क्योंकि शायद उनका यह हुनर किसी काम आ जाए तो क्यों न इसे ही अजमाया जाए ।
Ans 5-दीवान का पद पंडित जानकीनाथ को मिला था क्योंकि उनमें वे सभी गुण थे जो दीवान के उम्मीदवार में होने चाहिए थे । जैसे वे दयावान , आत्मबल से भरपूर एंव वीर पुरुष थे ।