Hindi, asked by manashvi2006, 9 months ago

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SANVAD LEKHAN

2.आज के समय में पारिवारिक रिश्तों में बढ़ती दूरियों के कारणों पर चर्चा करते हुए दो मित्रों के बीच हुई बातचीत को10 संवादों में लिखिए।

PLEASE WRITE A 10-15 LINES SANVAD BETWEEN THE FRIENDS.​
I WILL MARK BRAINLIEST.

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Answered by sweetagarwalkhushi
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Answer:व्यस्त दिनचर्या और तनाव लोगों को अंतर्मुखी बनाता जा रहा है नतीजतन परिवारों में संवादहीनता भी बढ़ती जा रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि परस्पर संवाद की कमी से जहां पति-पत्नी के रिश्ते टूटने की कगार तक पहुंच जाते हैं वहीं किशोरावस्था से गुजर रहे बच्चे इससे सबसे ज्यादा प्रभावित होते हैं।

दस जनवरी को फैमिली कम्युनिकेशन डे मनाने के कारणों के पीछे यह माना जाता है कि अमेरिका के कैलिफोर्निया शहर में एक बार एक शोध हुआ जिसमें पाया गया कि अधिकतर अभिभावकों का अपने किशोरवय के बच्चों के साथ संवाद नहीं के बराबर होता है।

कामकाजी माता-पिता अपने बच्चों के साथ काफी कम समय बिताते हैं। इस दौरान भी अंतर्मुखी स्वभाव के कारण संवादहीनता ही हावी रहती है। कहा जाता है कि इसी शोध के बाद से फैमिली कम्युनिकेशन डे मनाने की शुरुआत हुई ताकि यह समस्या दूर की जा सके।

पारिवारिक समस्याएं दूर करने की दिशा में कार्यरत राष्ट्रीय राजधानी स्थित गैरसरकारी संगठन नाडा इंडिया फाउंडेशन की कार्यक्रम अधिकारी पल्लवी कहती हैं परिवारों में महिलाओं की भूमिका महत्वूपर्ण रहती है इसलिये संवादहीनता के पीछे उनका बदलता स्वभाव भी एक कारण होता है।  

पल्लवी ने कहा अधिकतर परिवारों में महिलाओं की बातों और उनके फैसलों को अब भी ज्यादा तरजीह नहीं दी जाती लिहाजा धीरे-धीरे वे अपनी भावनाएं दबाने लगती हैं। नतीजतन पूरे परिवार में संवादहीनता बढ़ जाती है। वह बताती हैं महिलाओं की यह स्थिति सबसे ज्यादा घातक होती है। इसका असर पति-पत्नी के बीच की आपसी समझ पर पड़ता है।

 पल्लवी ने कहा अधिकतर परिवारों में महिलाओं की बातों और उनके फैसलों को अब भी ज्यादा तरजीह नहीं दी जाती लिहाजा धीरे-धीरे वे अपनी भावनाएं दबाने लगती हैं। नतीजतन पूरे परिवार में संवादहीनता बढ़ जाती है।      

हमारे पास अधिकतर मामले पारिवारिक विवाद और दंपत्तियों के बीच झगड़े के आते हैं। इसके पीछे वजह महिलाओं को कम अहमियत दिया जाना है। इससे उनमें हीनभावना घर कर जाती है और बात तलाक तक बढ़ जाती है।  

मानव विकास विषय की अतिथि प्राध्यापक और किशोरावस्था पर कई शोध कर चुकीं बेला सचदेव ने कहा परिवारों में संवादहीनता की जड़ एकल परिवारों की संख्या में इजाफा होना है।  

संयुक्त परिवार के विपरीत एकल परिवार में सदस्यों की संख्या कम होती है। दंपत्तियों में परिवार नियोजन के प्रति जागरूकता बढ़ने के कारण मध्यमवर्गीय परिवारों में बच्चों की संख्या भी अब दो की बजाय एक रहने लगी है। उन्होंने कहा माता-पिता के कामकाजी होने और बच्चे के अकेले होने के कारण उसे संवादहीनता तब सबसे ज्यादा प्रभावित करती है जब वह किशोरावस्था में पहुंचता है।  

Explanation:

Answered by pushpayadavg179
3

Here's the answer...

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