Hindi short moral story upto 50-100 words
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फारस देश का बादशाह नोंशेरवा अपनी न्यायप्रियता के लिए बहुत प्रसिद्ध हो गया था | वह बहुत धनी भी था | एक दिन वह अपने मंत्रियों के साथ घूमने निकला | उसने देखा कि एक बगीचे में एक बहुत बूढ़ा माली अखरोट के पेड़ लगा रहा है | बादशाह उस बगीचे में गया उसने मालि से पूछा – ” तुम यहां नौकर हो या यह तुम्हारा ही बगीचा है | ?”
माली – ” मैं नौकरी नहीं करता | यह बगीचा मेरे ही बाप-दादों का लगाया है |”
बादशाह – ” तुम यह अखरोट के पेड़ लगा रहे हो | क्या तुम समझते हो कि इनका फल खाने के लिए तुम जीवित रहोगे |”
” अखरोट का पेड़ लगाने के बीस बरस बाद फलता है| यह बात प्रसिद्ध है |”
बूढ़े माली ने बादशाह की बात सुनकर कहा – ” मैं अब तक दूसरों के लगाए पेड़ों के बहुत फल खा चुका हूं | इसलिए मुझे भी दूसरों के लिए पेड़ लगाने चाहिए | अपने फल खाने की आशा से ही पेड़ लगाना तो स्वार्थपरता है |
बादशाह माली के उत्तर से बहुत प्रसन्न हुए | उसने उसे पुरस्कार में दो अशरफिया दी |