Hindi, asked by caseytaylor700l, 6 months ago

Hindi short story and poem on the same topic?​

Answers

Answered by vanshikavikal448
110

 \huge \bold \color{green}{ \underline{ \underline \red{required \: answer : }}}

 \huge \bold \color{blue}  \:  \:  \:  \:  \:  \:  \:  \: \:  \:  \:  \:  बचपन \:

 \bold{ \underline{ \underline{story : }}}

यह कहावत जीवन का महान् सत्य है। इसका अर्थ यह है कि एक बच्चा व्यक्ति के जीवन में ऐसे होता है जैसे दिन में सुबह। जो आदतें वह बचपन में डाल लेता है वह जीवन भर उसके साथ चलती हैं। व्यक्ति एक विद्वान् बने, एक नेता बने या कुछ और, यह उसके बचपन की आदतों का नतीजा होता है। बचपन जीवन का मुख्य चरण होता है। हम व्यक्ति को जैसे चाहे उस समय ढाल सकते हैं। यदि उस समय उसे अच्छी बातें सिखाई जाएं तो वह एक अच्छा व्यक्ति बनता है। जिसे शुरू से ही झूठ बोलना सिखाया जाए उस से कोई उम्मीद नहीं रखी जा सकती। महान् व्यक्तियों का व्यक्तित्व बचपन में ही दिखाई दे जाता है। इतिहास में इस बात को साबित करने के अनेक उदाहरण मिल जाएंगे। इसलिए एक बच्चे में अच्छी आदतों का निर्माण करना चाहिए ताकि वह बड़ा होकर एक अच्छा व्यक्ति बन सके।

 \bold{ \underline{ \underline{poem : }}}

अब कहाँ पहले की तरह हँसना मुस्कुराना आता हैं

अब कहाँ छोटी-छोटी बातों पे रूठ जाना आता हैं

कहाँ लौटकर फिर बचपन का ज़माना आता हैं

हमारी उम्र क्या बढ़ी, हम समझदार हो गये

उम्मीदें पाल ली और ग़मों से बेज़ार हो गये

आगे बढ़ने की धुन मे हम , तार-तार हो गये

ना अब पहले की तरह बात हमें बनाना आता है

ना अब चेहरे पे मासूमियत का ख़ज़ाना आता है

कहाँ लौटकर फिर बचपन का ज़माना आता हैं

जब ना कोई था अपना, ना कोई पराया था

ना कोई ज़िम्मेवारी थी ,ना कोई मोहमाया था

बस मस्ती के दिन थे सर पे बेफ़िक्री का साया था

अब कहाँ काग़ज़ की कश्तियाँ ,चलाना आता हैं

अब कहाँ हर रोज़ एक नया महल बनाना आता हैं

कहाँ लौटकर फिर बचपन का ज़माना आता हैं

Answered by vinayak5920
26

ABOVE ANSWER IS CORRECT

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