India Languages, asked by haha12, 1 year ago

hindi short story with moral

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Answered by piya1191
14
( चिड़िया की परेशानी )

एक चिड़िया थी वह बहुत उच उड़ती , इधर उधर चहचहाती रहती | कभी इस टहनी पर कभी उस टहनी पर फुदकती रहती |पर उस चिड़िया की एक आदत थी वह जो भी दिन में उसके साथ होता अच्छा या बुरा उतने पत्थर अपने पास पोटली में रख लेती और अकसर उन पत्थरो को पोटली से निकाल कर देखती अच्छे  पत्थरो को देखकर बीते दिनों में हुई अच्छी बातो को याद करके खुश होती | और खराब पत्थरो को देखकर दुखी होती |ऐसा रोज़ करती | रोज़ पत्थर इकठा करने से उसकी पोटली दिन प्रतिदिन भारी होती जा रही थी | थोड़े दिन बाद उसे भरी पोटली के साथ उड़ने में दिक्कत होने लगी | पर  उसे समझ नहीं आ रहा था की वह उठ क्यों नहीं पा रही |
कुछ समय और बीता, पोटली और भारी होती जा रही थी | अब तो उसका जमीन पर चलना भी मुश्किल हो रहा था | और एक दिन ऐसा आया की वह खाने पीने का इंतज़ाम भी नहीं कर पाती अपने लिए और अपने पत्थरो के बोझ तले मर गयी .

Moral Of the Story – 

दोस्तों ऐसा ही हमारे साथ होता है जब हम पुरानी बातो की पोटली अपने साथ रखते है | अपने वर्तमान का आनंद लेने की जगह भूतकाल की बातो को ही सोचने में लगे रहते हैं | इस पल का आन्नद लीजिये |


brriliantsonu: u cheat u copied my all anwers
piya1191: i haven't copied your answer
piya1191: i answered before you
piya1191: this story is given in 4th class story book
piya1191: you can check it now
haha12: hey
haha12: piya is right
haha12: this story was given in my previous book
Answered by brriliantsonu
6
एक चिड़िया थी वह बहुत उच उड़ती , इधर उधर चहचहाती रहती | कभी इस टहनी पर कभी उस टहनी पर फुदकती रहती |पर उस चिड़िया की एक आदत थी वह जो भी दिन में उसके साथ होता अच्छा या बुरा उतने पत्थर अपने पास पोटली में रख लेती और अकसर उन पत्थरो को पोटली से निकाल कर देखती अच्छे  पत्थरो को देखकर बीते दिनों में हुई अच्छी बातो को याद करके खुश होती | और खराब पत्थरो को देखकर दुखी होती |ऐसा रोज़ करती | रोज़ पत्थर इकठा करने से उसकी पोटली दिन प्रतिदिन भारी होती जा रही थी | थोड़े दिन बाद उसे भरी पोटली के साथ उड़ने में दिक्कत होने लगी | पर  उसे समझ नहीं आ रहा था की वह उठ क्यों नहीं पा रही |
कुछ समय और बीता, पोटली और भारी होती जा रही थी | अब तो उसका जमीन पर चलना भी मुश्किल हो रहा था | और एक दिन ऐसा आया की वह खाने पीने का इंतज़ाम भी नहीं कर पाती अपने लिए और अपने पत्थरो के बोझ तले मर गयी .

Moral of the story is– 

दोस्तों ऐसा ही हमारे साथ होता है जब हम पुरानी बातो की पोटली अपने साथ रखते है | अपने वर्तमान का आनंद लेने की जगह भूतकाल की बातो को ही सोचने में लगे रहते हैं | इस पल का आन्नद लीजिये |

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