Hindi speech on hima das
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hey mate........
हिमा दास ने भारत की ओर से विश्व ट्रैक स्पर्धा में गोल्ड मेडल हासिल करने वालीं पहली महिला एथलीट बन गई हैं। उन्होंने फिनलैंड में अंडर 20 चैंपियनशिप के दौरान 400 मीटर की रेस में गोल्ड मेडल हासिल किया। यहां हम भारत की गोल्डन गर्ल हिमा दास के खेल और जीवन के बारे में पांच अहम बातें बताने जा रहे हैं जो हिमा के इतिहास रचने के बाद चर्चा में आ गईं हैं।
1. 400 मीटर रेस की शुरुआत में हिमा दास तनाव में नजर आ रही थीं। उन्होंने स्पर्धा की शुरुआत भी काफी धीमी की हालांकि अंतिम पलों ने हिमा ने तेजी से उलट फेर किया और आखिरी 100 से 80 मीटर की दूरी बहुत तेजी से पार की। वह अपने गुवाहाटी के कोच की निपोन दास की अपेक्षाओं पर खरी उतरीं।
2. हिमा दास अभी सिर्फ 18 साल की हैं। दो साल पहले ही उन्होंने रेसिंग ट्रैक पर दौड़ने के लिए जूते लिए। इससे पहले उनके पास खेल प्रतियोगिता की तैयारी के लिए कोई भी सामान नहीं था।
3. हिमा दास के पिता रोनजीत दास असम में नगांव जिले के ढिंग गांव में धान की खेती करते हैं। वह अपने माता-पिता रोनजीत दास और जोमाली दास के 6 बच्चों में सबसे छोटी हैं।
4. हिमा का पहला प्यार एथलेटिक्स नहीं बल्कि फुटबॉल था। वह खेतों में गांव के लड़कों के साथ फुटबॉल खेलतीं थीं। यहीं खेल और बाल कल्याण निदेशालय से जुड़े एथलेटिक्स कोच निपोन दास ने पहचाना।
5. फिनलैंड में 51.46 सेकेंड में 400 मीटर रेस पूरी करने वालीं हिमा का यह सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन नहीं हैं। इससे पहले वह देश के अंदर हुई स्पर्धा में 51.13 सेकेंड में भी 400 मीटर रेस पूरी कर चुकीं हैं। अप्रैल में हुए कॉमनवेल्थ खेलों में हिमा ने दास ने 51.32 सेकेंड में रेस पूरी की थी।
pls mark brainlist answer
हिमा दास ने भारत की ओर से विश्व ट्रैक स्पर्धा में गोल्ड मेडल हासिल करने वालीं पहली महिला एथलीट बन गई हैं। उन्होंने फिनलैंड में अंडर 20 चैंपियनशिप के दौरान 400 मीटर की रेस में गोल्ड मेडल हासिल किया। यहां हम भारत की गोल्डन गर्ल हिमा दास के खेल और जीवन के बारे में पांच अहम बातें बताने जा रहे हैं जो हिमा के इतिहास रचने के बाद चर्चा में आ गईं हैं।
1. 400 मीटर रेस की शुरुआत में हिमा दास तनाव में नजर आ रही थीं। उन्होंने स्पर्धा की शुरुआत भी काफी धीमी की हालांकि अंतिम पलों ने हिमा ने तेजी से उलट फेर किया और आखिरी 100 से 80 मीटर की दूरी बहुत तेजी से पार की। वह अपने गुवाहाटी के कोच की निपोन दास की अपेक्षाओं पर खरी उतरीं।
2. हिमा दास अभी सिर्फ 18 साल की हैं। दो साल पहले ही उन्होंने रेसिंग ट्रैक पर दौड़ने के लिए जूते लिए। इससे पहले उनके पास खेल प्रतियोगिता की तैयारी के लिए कोई भी सामान नहीं था।
3. हिमा दास के पिता रोनजीत दास असम में नगांव जिले के ढिंग गांव में धान की खेती करते हैं। वह अपने माता-पिता रोनजीत दास और जोमाली दास के 6 बच्चों में सबसे छोटी हैं।
4. हिमा का पहला प्यार एथलेटिक्स नहीं बल्कि फुटबॉल था। वह खेतों में गांव के लड़कों के साथ फुटबॉल खेलतीं थीं। यहीं खेल और बाल कल्याण निदेशालय से जुड़े एथलेटिक्स कोच निपोन दास ने पहचाना।
5. फिनलैंड में 51.46 सेकेंड में 400 मीटर रेस पूरी करने वालीं हिमा का यह सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन नहीं हैं। इससे पहले वह देश के अंदर हुई स्पर्धा में 51.13 सेकेंड में भी 400 मीटर रेस पूरी कर चुकीं हैं। अप्रैल में हुए कॉमनवेल्थ खेलों में हिमा ने दास ने 51.32 सेकेंड में रेस पूरी की थी।
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AngelaRebello:
thank you
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