Hindi Story on a Lion and a Rat
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एक दिन एक शेर जंगल मे अपनी गुफा मे सो रहा था. तभी वहा पर एक चूहा आया और उसे परेशान करने लगा. जिससे शेर को गुस्सा आ गया. शेर को इतना गुस्सा आया की उसने चूहे को पकड़ कर मारने की ठानी. शेर चूहे को पकड़ने की कोशिश करने लगा लेकिन जब भी वह चूहे को पकड़ने की कोशिश करता चूहा भाग जाता था. जैसे तैसे चूहा उसकी पकड़ मे आ गया. शेर ने चूहे को अपने पंजे मे जकड़ लिया और उसे मारने लगा. तभी चूहा बहुत ड़र गया और शेर से अपनी जान की भीख मांगने लगा उसने शेर से कहा की वह उसकी जान बख्श दे. शेर को चूहे पर दया आ गई और उसने चूहे को छोड़ दिया. चूहे ने शेर से धन्यवाद कहा और कहा की एक दिन वह इस एहसान को जरूर चुकाएगा. शेर चूहे की इस बात को सुनकर हंस पड़ा और उससे कहा की तू क्या मेरा एहसान चुकाएगा और कैसे चुकाएगा. जा मैंने तुझे माफ किया और यह कह कर शेर अपनी गुफा मे वापिस चला गया.
एक दिन एक शिकारी जंगल मे आया. और उसने उस शेर को अपने जाल मे फसा लिया. शेर मदद के लिए चिल्लाने लगा. वह तेज तेज की दहाड़ लगाने लगा. पर जंगल का कोई पशू-पक्षी उसकी मदद करने नही आया. पर उसकी यह दहाड़ सुनकर वहा चूहा शेर की मदद करने आ पहुचा. उसने अपने नौकीले दाँतो से जाल को काटना शुरू किया और धीरे धीरे सारा जाल काट दिया और शेर को जाल से बाहर निकलवा दिया. शेर की जान बच गयी. और वह चूहे से प्रसन्न हो गया. चूहे ने शेर को अपना वादा याद दिलवाया. शेर ने चूहे की सरहाना कि.
शेर ने चूहे कि जान बख्शी जिसका फल उसे तब मिला जब उसकी जान खतरे मे थी. यह कहानी हमे मनोरंजन के साथ साथ सीख भी देती है. अगर हम किसी का भला करते है तो फलस्वरूप एक दिन हमारा भी भला होता है. साथ ही साथ यह ये भी बतलाती है कि माफी केवल शेर और ताकतवर लोग ही दे सकते है फिर माफी देने वाला चाहे छोटा हो या बड़ा, कमजोर हो या तगड़ा यह मायने नही रखता. लेकिन माफी तो केवल शेर दिल वाला ही दे सकता है. बदले कि भावना तो कायरों मे होती है. शारीरिक रूप से ताकतवर होने के बावजूद वे कमजोर दिल वाले होते है जो बदले कि भावना रखते है. फिर आप किसी पर उपकार करेंगे तो आप मित्र बनाएँगे, ऐसे मित्र जो आपकी मुसीबत के समय आपकी सहायता करते है.
एक दिन एक शिकारी जंगल मे आया. और उसने उस शेर को अपने जाल मे फसा लिया. शेर मदद के लिए चिल्लाने लगा. वह तेज तेज की दहाड़ लगाने लगा. पर जंगल का कोई पशू-पक्षी उसकी मदद करने नही आया. पर उसकी यह दहाड़ सुनकर वहा चूहा शेर की मदद करने आ पहुचा. उसने अपने नौकीले दाँतो से जाल को काटना शुरू किया और धीरे धीरे सारा जाल काट दिया और शेर को जाल से बाहर निकलवा दिया. शेर की जान बच गयी. और वह चूहे से प्रसन्न हो गया. चूहे ने शेर को अपना वादा याद दिलवाया. शेर ने चूहे की सरहाना कि.
शेर ने चूहे कि जान बख्शी जिसका फल उसे तब मिला जब उसकी जान खतरे मे थी. यह कहानी हमे मनोरंजन के साथ साथ सीख भी देती है. अगर हम किसी का भला करते है तो फलस्वरूप एक दिन हमारा भी भला होता है. साथ ही साथ यह ये भी बतलाती है कि माफी केवल शेर और ताकतवर लोग ही दे सकते है फिर माफी देने वाला चाहे छोटा हो या बड़ा, कमजोर हो या तगड़ा यह मायने नही रखता. लेकिन माफी तो केवल शेर दिल वाला ही दे सकता है. बदले कि भावना तो कायरों मे होती है. शारीरिक रूप से ताकतवर होने के बावजूद वे कमजोर दिल वाले होते है जो बदले कि भावना रखते है. फिर आप किसी पर उपकार करेंगे तो आप मित्र बनाएँगे, ऐसे मित्र जो आपकी मुसीबत के समय आपकी सहायता करते है.
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