Hindi, asked by princessnayak9, 8 months ago


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कोरोना वायरस प्रकोप के असली किरदार 

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Answered by PrincessTeja
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Answer:

दुनिया भर में अब तक कोरोना वायरस से संक्रमण के पाँच लाख 37 हज़ार मामले सामने आ चुके हैं. दक्षिणी यूरोप अब इस संकट का केंद्र बन गया है. अमरीका में भी इसके मामले लगातार बढ़ रहे हैं.

नक्शे और चार्ट के ज़रिए आपको मौजूदा हालात को समझने में आसानी होगी.

कोरोना वायरस पूरी दुनिया में तेज़ी से फैल चुका है. दुनिया के 199 देश इससे प्रभावित हैं और हज़ारों की मौत हो चुकी है.

वैश्विक महामारी जो लगातार बढ़ रही है

यह वायरस कई देशों में तेज़ी से पैर पसार रहा है. ये वायरस चीन के वुहान से फैलना शुरू हुआ था लेकिन अब चीन के बाहर ही इस वायरस के चार लाख 55 हज़ार से ज़्यादा मामलों की पुष्टि हो चुकी है.

माना जा रहा है कि कोरोना वायरस से पीड़ित लोगों की असली संख्या कहीं ज़्यादा होगी क्योंकि कई लोगों में अभी इसके हल्के लक्षण ही नज़र आ रहे हैं और इनके अभी तक टेस्ट नहीं किए गए हैं. ऐसे लोगों को कोरोना से पीड़ित मरीज़ों में अभी नहीं गिना जा रहा है.

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Answered by ananyanayak321
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Explanation:

चीन के वुहान शहर से शुरू हुआ कोरोना वायरस संक्रमण लगभग पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले चुका है.

हर रोज़ मौत के आंकड़े सैकड़ों की संख्या में बढ़ जाते हैं और हज़ारों की संख्या में संक्रमितों के.

पूरी दुनिया में इस वायरस के कारण डर का माहौल है लेकिन इन सबके बीच उम्मीद की बात सिर्फ़ इतनी है कि बहुत से मामलों में लोग ठीक भी हुए हैं.

जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के आंकड़ों के मुताबिक़, कोविड 19 से जहां अभी तक 48 हज़ार लोगों के मौत की पुष्टि हुई है वहीं क़रीब एक लाख 95 हज़ार से अधिक मामलों में लोग ठीक भी हुए हैं.

कोरोना वायरस से संक्रमित हर शख़्स का एक अलग अनुभव है. कुछ में इसके बेहद सामान्य या फिर यूं कहें कि बेहद कम लक्षण नज़र आए थे तो कुछ में यह काफी गंभीर था. और कुछ तो ऐसे मामले भी सामने आए हैं जिनमें लक्षण वो थे ही नहीं जिनके बारे में स्वास्थ्य विभाग सचेत करता रहा है. लेकिन एक बार ये पता चल जाए कि आप संक्रमित हैं तो अस्पताल जाने के अलावा दूसरा कोई विकल्प नहीं बचता.

दक्षिण पूर्व इंग्लैंड के केंट कस्बे के हेर्ने बे इलाक़े में रहने वाली कैरेन मैनरिंग छह महीने की गर्भवती हैं. होने वाला यह बच्चा उनकी चौथी संतान है. कैरेन को खांसी की शिकायत हुई. यह मार्च का दूसरा सप्ताह था. खांसी के सात उन्हें तेज़ बुखार भी आ रहा था और एक दिन सबकुछ बदल गया.

कैरेन बताती हैं, "मैंने हेल्पलाइन पर फ़ोन किया. मेरी सांस उखड़ रही थी. कुछ ही मिनटों में एक एंबुलेंस मेरे घर के दरवाज़े पर खड़ी थी. मैं वाकई सांस नहीं ले पा रही थी इसलिए उन्होंने मुझे सीधे ऑक्सीजन देना शुरू कर दिया."

जब वो अस्पताल पहुंची तो उन्हें कोरोना वायरस संक्रमित पाया गया. उन्हें निमोनिया की भी शिकायत थी और उसके बाद उन्हें अस्पताल के एक कमरे में अलग-थलग रख दिया गया. हफ़्तों के लिए.

वो बताती हैं, "किसी को भी मेरे कमरे में आने और मुझसे मिलने की इजाज़त नहीं थी. वहां मुझे बहुत अकेला महसूस होता था. दो-तीन दिन तक तो मैं बिस्तर से उठी तक नहीं. यहां तक की टॉयलेट के लिए भी नहीं गई. जब उन्हें मेरी बेडशीट बदलनी होती थी तो मैं दूसरी करवट हो जाती थी. लेकिन मैं बिस्तर से नहीं उतरी."

वो कहती हैं "मुझे सांस लेने में कई बार दिक्क़त होती तो भी मुझे अटेंडेंट के पूरी तरह से तैयार होने का इंतज़ार करना पड़ता. मुझे उसी हालत में कुछ देर रहना पड़ता ताकि जो भी मुझे अटेंड करने आ रहा है वो ख़ुद के सारे सुरक्षा आवरण पहन ले. मेरे परिवार वाले मेरे साथ लगातार फ़ोन पर बात करते रहते ताकि मैं शांत बनी रहूं. मैं बहुत डरी हुई थी. मैं मरने जा रही थी और मेरा परिवार कहता कि वो हर चीज़ के लिए तैयार है."

Corona virus infection, which started from Wuhan city of China, has engulfed almost the whole world.

Every day the death toll increases in the hundreds and thousands of infected people.

There is an atmosphere of fear in the whole world due to this virus, but there is only hope among all this that in many cases people have also been cured.

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