Hindi tralastion poem today and tomorrow by j.e. carpanter
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परिचय :-
कवि " जे . ये . कारपेंटर " इस कविता में कहते हैं की उसे कामों को अनिर्णीत रखना पसंद नहीं है , वे काम कल तक नहीं रखना चाहते हैं वे आज का काम आज ही और आज का काम अब ही करना चाहते हैं |
अनुवाद :-
वे कल वाली बात सुनना नहीं चाहते हैं | वे ऐसे कहने वाले लोगों को दिखाने को कहता है और कहता है की जब एक अच्छा काम करना हो तो वह काम कल नहीं आज ही करना है |
हम आज का काम आज ही कर सकते हैं | अगर ऐसे कर सकते हुए भी हम रुक गए तो हमें अपनी गलती का महसूस बाद में बहुत देर हो जाने के बाद आता है | इस लिए एक काम कर सकते हैं तो कर देनी चाहिए |
कल का बात न लो , आज करनेवाला काम बहुत है | अगर हम ने वक्त बिता दिया तो बाद में उसे पूरा नहीं कर सकते और पछताना पड़ेगा |
हर पल का अपना कर्तव्य होता है , कौन आगे ही बता सकता है की भविष्य का क्या होगा | इस लिए क्यों काम को कल तक रखे जो काम हम आज ही कर सकते हैं |