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Nibandh...........
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महंगाई हमारे देश मे एक बड़ी और गंभीर समस्या के रूप मे सामने आई है। समय के साथ महंगाई और भ्रष्टाचार के कारण हमारे देश की हालत कुछ ऐसी हो गई है कि अमीर और अमीर होता जा रहा है, गरीब गरीबी के दलदल मे फस रहा है।
कई बार पयार्यवण के कारण भी गरीब आती है अगर फसल के समय कोई आपदा आ जाती है और फसल खराब हो जाती है तो उस परिवार का भरण पोषण रूक जाता है।
बात यह नही है कि हमारे देश मे भोजन नही है, बात कुछ यूं है कि काला बाजारी के चलते भी अकसर दामो मे वृद्धि होती है। देश के कुछ अर्थशास्त्रीयो ने इस विषय पर शोध किया है। कुछ ऐसे अहम बिंदुो पर जांच की जिनके कारण महंगाई का बढना तय किया जाता है।
अर्थशास्त्रीया ने कुछ विषयोे पर जांच की जो कुछ इस प्रकार है – दाम कैसे तय होते है, दाम बढने का कारण क्या है, किस प्रकार से समय समय पर उनका आंकलन होना चाहिए।
महंगाई बढने के कारण नौकरी से मिलने वाली रकम से खर्च चलाना मुश्किल हो जाता है। पिछले एक दशक मे भारत ने और उसकी अर्थव्यवस्था ने बहुत तरक्की की है।
परंतु अभी तक भी गरीब व्यक्ति को वे मूल सुविधाए नही मिली जो चाहिए होती है इसका कारण है महंगाई। हमारे देश मे महंगाई के कई कारण है जैसे कि सरकार का नियंत्रण ना होना, काला बाजारी, आपदाए इत्यादि।
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Answer:
• महँगाई बढने के पीछे कई कारण हैं. पहला कारण है तेजी से बढती जनसंख्या, क्योंकि लोग तो बढ़ते जाते हैं, परन्तु संसाधन सीमित हैं, दूसरा कारण है सरकार की अकुशल नीतियाँ, जिनके चलते खाद्यान्न गोदामों में पड़े सड़ते रहते हैं और जनता भूखों मरती रहती है.
• मांग का नियम हर व्यक्ति हर दिन उपयोग में लाता है क्योंकि सामान्यतः उपभोक्ता अधिक कीमत पर वस्तु की माँग कम तथा कम कीमत पर वस्तुओं की माँग अधिक करते हैं। किसी वस्तु की मांग उस वस्तु की कीमत के साथ-साथ उपभोक्ता की आय, रूचि तथा अन्य प्रतिस्थानापन्न और पूरक वस्तुओं पर भी निर्भर करती है |
• किसी देश की विदेश नीति उसके राष्ट्रीय हितों के अनुरूप दूसरे देशों के साथ आर्थिक, राजनीतिक, सामाजिक तथा सैनिक विषयों पर पालन की जाने वाली नीतियों का समुच्चय है । किसी भी देश की स्थिति एवं वैश्विक परिस्थितियाँ सदैव एक समान नहीं रहती, इसलिए बदलती अन्तर्राष्ट्रीय परिस्थिति में राष्ट्रीय हितों के दृष्टिकोण से समयानुसार किसी भी देश की विदेश नीति में परिवर्तन होना स्वाभाविक है ।
यही कारण है कि कोई देश न तो किसी का स्थायी मित्र होता है और न ही स्थायी शत्रु । भारत की जो स्थिति स्वतन्त्रता प्राप्त करने के समय वर्ष 1947 में थी, वैसी स्थिति बीसवीं सदी के साठ या सत्तर के दशक में नहीं थी । बीसवीं सदी के समाप्त होने तक भारत की स्थिति काफी हद तक ठीक हो चुकी थी और अब इक्कीसवीं सदी में इसे दुनिया में तेजी से उभरती हुई विश्व शक्ति के तौर पर देखा जाता है ।
• बढ़ती महंगाई एक गंभीर समस्या
महंगाई का ऐसा असर होता है कि पॉकेट में पैसों का बोझ बढ़ता जाता है और थैले में सामान कम होता जाता है. यदि खरीददार की क्रय शक्ति घट जाय तो महंगाई बढ़ जाती है. इसके बढ़ने से रुपयों का अवमूल्यन हो जाता है. यह एक विश्वव्यापी समस्या है लेकिन भारत में तो यह एक गंभीर समस्या है.