Hindi, asked by ptanushree402, 3 months ago

holi par nibandh. hindi me.300 words​

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Answered by 0000NAMBIRAJANM0000
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होली एक ऐसा रंगबिरंगा त्योहार है, जिस हर धर्म के लोग पूरे उत्साह और मस्ती के साथ मनाते हैं। प्यार भरे रंगों से सजा यह पर्व हर धर्म, संप्रदाय, जाति के बंधन खोलकर भाई-चारे का संदेश देता है। इस दिन सारे लोग अपने पुराने गिले-शिकवे भूल कर गले लगते हैं और एक दूजे को गुलाल लगाते हैं। बच्चे और युवा रंगों से खेलते हैं। फाल्गुन मास की पूर्णिमा को यह त्योहार मनाया जाता है। होली के साथ अनेक कथाएं जुड़ीं हैं। होली मनाने के एक रात पहले होली को जलाया जाता है। इसके पीछे एक लोकप्रिय पौराणिक कथा है।

भक्त प्रह्लाद के पिता हरिण्यकश्यप स्वयं को भगवान मानते थे। वह विष्णु के विरोधी थे जबकि प्रह्लाद विष्णु भक्त थे। उन्होंने प्रह्लाद को विष्णु भक्ति करने से रोका जब वह नहीं माने तो उन्होंने प्रह्लाद को मारने का प्रयास किया।

प्रह्लाद के पिता ने आखर अपनी बहन होलिका से मदद मांगी। होलिका को आग में न जलने का वरदान प्राप्त था। होलिका अपने भाई की सहायता करने के लिए तैयार हो गई। होलिका प्रह्लाद को लेकर चिता में जा बैठी परन्तु विष्णु की कृपा से प्रह्लाद सुरक्षित रहे और होलिका जल कर भस्म हो गई।

यह कथा इस बात का संकेत करती है की बुराई पर अच्छाई की जीत अवश्य होती है। आज भी पूर्णिमा को होली जलाते हैं, और अगले दिन सब लोग एक दूसरे पर गुलाल, अबीर और तरह-तरह के रंग डालते हैं। यह त्योहार रंगों का त्योहार है।

इस दिन लोग प्रात:काल उठकर रंगों को लेकर अपने नाते-रिश्तेदारों व मित्रों के घर जाते हैं और उनके साथ जमकर होली खेलते हैं। बच्चों के लिए तो यह त्योहार विशेष महत्व रखता है। वह एक दिन पहले से ही बाजार से अपने लिए तरह-तरह की पिचकारियां व गुब्बारे लाते हैं। बच्चे गुब्बारों व पिचकारी से अपने मित्रों के साथ होली का आनंद उठाते हैं।

Answered by monikadetyal
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होली निबंध 3 (300 शब्द) :

भूमिका : जिस तरह भारत में दीपावली के त्यौहार को मनाया जाता है उसी प्रकार भारत में होली को भी बहुत उत्साह के साथ मनाया जाता है। होली के त्यौहार को बसंत ऋतू के फाल्गुन मास में मनाया जाता है क्योंकि आज के ही दिन भक्त प्रहलाद के पिता की बहन की आग में जलकर मृत्यु हुई थी जिसे बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में माना गया था और उसी दिन से इस उत्सव को हर साल मनाया जाने लगा था जिसकी वजह से इसका इतिहास और महत्व अधिक हो गया है।

होलिका दहन : होली का त्यौहार फाल्गुन मास के आखिरी दिन पर होलिका दहन से शुरू होता है और अगले दिन को रंगों से रंग दिया जाता है। होलिका दहन के लिए बहुत से लोग छोटे-छोटे उपलों की माला बनाकर उसे एक निर्धारित स्थान पर रखा जाता है जिसके बाद रात के समय पंडित जी के बताए गए समय पर उपलों की माला के ढेर में आग लगा दी जाती है जिसे लोग होलिका दहन के नाम से जानते हैं।

इसके अगले दिन सभी लोग एक-दूसरे को रंग लगाते हैं और रंगों से भरे गुब्बारे और पिचकारी से भीगा हुआ रंग फेंकते हैं। आज के दिन लोग सभी तरह के भेद-भाव भूलकर एक-दूसरे को होली की बधाई देते हैं।

उपसंहार : होली एक प्रमुख त्यौहार है जिसे भारत देश के साथ-साथ अन्य प्रदेशों में भी बहुत ही उत्साह और खुशी के साथ मनाया जाता है। यह त्यौहार रंगों से भरा एक पर्व है जिसे हिंदुओं के द्वारा बहुत ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है।

भारत में अनेक त्यौहार मनाए जाते हैं लेकिन होली का त्यौहार बाकि सभी त्यौहारों से कुछ अलग तरह का त्यौहार है। होली का त्यौहार हम सभी को मौज-मस्ती, मनोरंजन, खुशी, उत्साह आदि का संदेश देता है। होली के त्यौहार को दुखों, उलझनों और संतापों को भूलकर अपनी संपूर्णता के साथ इस त्यौहार को मनाते हैं।

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