hostel me padhne jaate samay dada aur pote keadhya samvaad likho
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pote ne dada ko kha ki mujhe apko chod jane ka man nahi he
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राजधानी में आने वाले छह महीने में बुजुर्गों के साथ-साथ छात्रों, बेरोजगार युवक - युवतियों और कामकाजी महिलाओं को एक-एक लेकिन बड़ी सुविधाएं मिलने जा रही है। शहर के 70 वार्डों के अलग-अलग इलाकों में बुजुर्गों के मनोरंजन के लिए बापू की कुटिया बनायी जा रही है। फुंडहर में ढाई सौ कामकाजी युवतियों के लिए हॉस्टल आकार ले रहा है। धरमपुरा में बेरोजगार युवक-युवतियों को मोबाइल से लेकर कारपेंटर तक की ट्रेनिंग दी जाएगी। गरीब बच्चों के लिए सड्ढू में वहीं रहकर पढ़ाई करने वाले आवासीय स्कूल का एक फेस बन चुका है। केंद्रीय विद्यालय डीडीनगर में सीटें बढ़ाकर इसका विस्तार किया जा रहा है। बापू की कुटिया को छोड़कर बाकी सभी प्रोजेक्ट आकार ले चुके हैं।
नक्सल प्रभावित और गरीब बच्चों के लिए सड्डू में नया आवासीय स्कूल लगभग तैयार है। पहले चरण का काम पूरा हो चुका है। यहां एक समय में 1000 छात्र रहकर पढ़ाई कर सकेंगे। स्कूल का बाकी काम अप्रैल-मई 2018 तक पूरा कर लिया जाएगा। गुढ़ियारी में चल रहे प्रयास स्कूल रविवार को शिफ्ट भी कर दिया गया है। 15 एकड़ जमीन में बन रहे स्कूल में सभी तरह की हाईटेक सुविधाएं रहेंगी। हर रुम में दो-दो बिस्तर होंगे। हॉल में प्रोजेक्टर लाइव रुम होंगे, जिसमें दूसरे शहरों के प्रोफेसर भी ऑनलाइन लेक्चर देंगे। हर फ्लोर में वाई-फाई होने के साथ ही अलग-अलग विषयों के लिए अलग कैंपस बनेंगे। फिजिक्स, मैथ्स, केमेस्ट्री, बायो सहित प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए लैब बन रहे हैं। स्कूल परिसर में बैंडमिंटन, बास्केटबॉल समेत खेल कोर्ट भी तैयार हो रहा है।