Hindi, asked by s15844bakanksha00787, 5 months ago

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दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
1. सचिन की महानता किसमें है ?
2. 'सचिन एक महान बल्लेबाज हैं'- इस कथन को सोदाहरण स्पष्ट कीजिए।
3. सचिन के प्रारंभिक जीवन के बारे में संक्षेप में बताइए।
4. सचिन की क्रिकेट-यात्रा कब और कैसे आरंभ हुई ?
5. सचिन जब क्रिकेट मैदान पर होते हैं, तब क्या होता है ?
6. कराची टेस्ट मैच में सचिन ने क्या करिश्मा कर दिखाया?
7. सचिन की प्रमुख उपलब्धियों का उल्लेख कीजिए।
8. सचिन के व्यक्तिगत जीवन पर प्रकाश डालिए।
9. सचिन क्रिकेट खिलाड़ियों को क्या परामर्श देते हैं ?
10. सचिन तेंदुलकर का चरित्र-चित्रण कीजिए।​

Answers

Answered by anitasingh30052
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Answer:

1. सचिन को अपने समय का महान बल्लेबाज कहा जाता है। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में एक परिपक्व बल्लेबाज के रूप में उन्हें जाना जाता है। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट जगत में सचिन तेंदुलकर ही एकमात्र ऐसे बल्लेबाज हैं जिन्होंने शतकों का शतक लगाया है। यानी 100 बार सचिन तेंदुलकर ने 100 रन से ज्यादा रन अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में बनाए हैं।

सचिन के बचपन की महानता

सचिन को स्कूल में एक महान बच्चा माना जाता था और वह मुंबई के क्रिकेट मंडलियों में एक आम चर्चा का विषय बन गए थे। वह अपनी स्कूल की माटुंगा गुजराती सेवा मंडल शील्ड के नाम से जानी जाने वाली टीम के सबसे प्रतिभाशाली खिलाड़ियों में से एक थे। सचिन स्कूल क्रिकेट के साथ-साथ क्लब क्रिकेट में अपनी एक अलग छाप छोड़ने में सफल हुए और साथ ही उन्होंने प्रतिष्ठित कांगा लीग में भी प्रदर्शन किया। सचिन का पहला क्लब, जॉन ब्राइट क्रिकेट क्लब था, जो बाद में क्रिकेट क्लब ऑफ इंडिया (सीसीआई) में तब्दील हो गया।

सचिन ने 14 वर्ष की आयु में मद्रास के एमआरएफ पैस फाउंडेशन में भाग लिया था, ताकि वह तेज गेंदबाज बनने का अभ्यास कर सकें। हालाँकि, डेनिस लिली जो कार्यवाही का नेतृत्व कर रही थी, वह युवा बच्चे की गेंदबाजी से प्रभावित नहीं हुईं और उन्होंने सचिन से कहा कि वह अपनी बल्लेबाजी पर ध्यान केंद्रित करें। इस समय सचिन मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन के सर्वश्रेष्ठ ज्यूनियर क्रिकेटर अवॉर्ड को जीतने में सक्षम नहीं थे, इसलिए वह परेशान थे, लेकिन उन्हें श्री सुनील गावस्कर के अल्ट्रा लाइट पैड की एक जोड़ी मिली, जिसमें लिखा था कि वह स्वयं भी इस उम्र में यह अवार्ड नहीं जीत पाए थे। युवा प्रतिभा को प्राप्त करने के प्रयास में उन्होंने यह भी कहा कि एक क्रिकेटर के रूप में खुद काफी बेहतर साबित किया है। सचिन ने गावस्कर के 34 वें टेस्ट शतक का रिकार्ड तोड़ने के बाद कहा कि उस समय के उनके वह शब्द मेरे लिए संभवतः सबसे बड़े प्रोत्साहन के रूप में साबित हुए हैं।

3. प्रारंभिक जीवन : 24 अप्रैल 1973 को राजापुर के मराठी ब्राह्मण परिवार में जन्मे सचिन का नाम उनके पिता रमेश तेंदुलकर ने अपने चहेते संगीतकार सचिन देव बर्मन के नाम पर रखा था। उनके बड़े भाई अजीत तेंदुलकर ने उन्हें क्रिकेट खेलने के लिये प्रोत्साहित किया था। ... सचिन ने शारदाश्रम विद्यामन्दिर में अपनी शिक्षा ग्रहण की।

4. क्रिकेट की यात्रा का शुभारंभ

आचरेकर ने सचिन को सुबह स्कूल से पहले और शाम को स्कूल के बाद अभ्यास कराना शुरू किया। तेंदुलकर चार घंटों तक अभ्यास करते थे और जब भी वे थक जाते थे, तो आचरेकर सचिन को प्रलोभित करने के लिए स्टंप के शीर्ष पर एक रुपए का सिक्का रख देते थे। रुपया रखने के बाद आचरेकर कहते कि अगर वह उनको आउट न कर पाएं, तो वह सिक्का उनका हो जाएगा और इस तरह सचिन ने उनसे 13 सिक्के जीते, जिसे आज भी सचिन अपनी सबसे अमूल्य संपत्ति मानते हैं। अभ्यास को ज्यादा समय देने के लिए सचिन ने अपने चाचा और चाची के साथ रहने का फैसला किया, जो शिवाजी पार्क के निकट रहते थे।

क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंडुलकर के क्रिकेट करियर की शुरुआत आज ही के दिन 1989 में पाकिस्तान के खिलाफ हुई थी। यह मैच कराची के नैशनल स्टेडियम में खेला गया था। सचिन तेंडुलकर ने आज ही के दिन टेस्ट डेब्यू किया था

7. सचिन की प्रमुख उपलब्धियां-

उनकी बल्‍लेबाजी का लोहा केवल भारत में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी माना जाता है. 100 अंतर्राष्ट्रीय शतक: टेस्‍ट में 51 और वनडे मैचों में 49 शतक के साथ, सचिन के नाम 100 अंतरराष्‍ट्रीय शतक बनाने का भी रिकॉर्ड दर्ज है. उन्‍होंने 16 मार्च, 2012 को एशिया कप के चौथे वनडे के दौरान बांग्लादेश के खिलाफ अपने 100वां शतक लगाया था.

8. व्यक्तिगत जीवन -

राजापुर के मराठी ब्राह्मण परिवार में जन्मे सचिन का नाम उनके पिता रमेश तेंदुलकर ने अपने चहेते संगीतकार सचिन देव बर्मन के नाम पर रखा था। सचिन के पिता मराठी स्कूल में शिक्षक थे। उनके बड़े भाई अजीत तेंदुलकर ने उन्हें क्रिकेट खेलने के लिये प्रोत्साहित किया था।

9. सचिन तेंदुलकर का जन्म 24 अप्रैल 1973 को दादर, मुंबई के निर्मल नर्सिंग होम में हुआ था। सचिन तेंदुलकर के पिता रमेश तेंदुलकर महाराष्ट्र के सबसे प्रसिद्ध उपन्यासकार थे और उनकी माँ रजनी एक बीमा एजेंट थीं। उनके पिता ने सचिन देव बर्मन के नाम पर उनका नाम सचिन रखा था, जोकि उनके पसंदीदा संगीत निर्देशक थे। सचिन अपने 4 भाई व बहन में सबसे छोटे हैं, उनके बड़े भाई नितिन व अजीत और उसके बाद उनकी बहन सविता हैं।

बचपन

सचिन ने अपने बचपन के कुछ साल बांदा ईस्ट के साहित्य सहवास सहकारी आवास सोसायटी में व्यतीत किए। सचिन वर्तमान की तुलना में अपने बचपन में बिल्कुल विपरीत थे, क्योंकि उन्हे स्कूल में लड़ाई करना या स्कूल में पहली बार आने वाले बच्चों का धमकाना पसंद था।

अपनी किशोरावस्था में सचिन जॉन मैकनेरो, जो अमेरिका के प्रमुख टेनिस खिलाड़ियों में से एक हैं, के बहुत बड़े प्रशंसक थे। अजीत ने सचिन के शरारती स्वभाव को बड़ी मुश्किल से छुड़ाया और उन्हें वर्ष 1984 में क्रिकेट के प्रति दिलचस्पी दिखाने पर जोर दिया। उन्होंने सचिन की रमाकांत आचरेकर से भेंट करवाई, जो अपने समय के सबसे प्रसिद्ध क्लब क्रिकेटर के साथ-साथ एक बेहतरीन कोच भी थे। रमाकांत आचरेकर दादर के शिवाजी पार्क में क्रिकेट का अभ्यास करवाते थे।

आचरेकर ने सचिन की प्रतिभा को देखा, जो उन्हें काफी पसंद आयी, उसके बाद उन्होंने सचिन से शारदाश्रम विद्यामंदिर (इंग्लिस) माध्यमिक स्कूल को छोड़कर, अपने स्कूल में प्रवेश लेने के लिए कहा, जो दादर में ही स्थित था। यह स्कूल स्थानीय क्रिकेट मंडली में शीर्ष पर था और उस समय, यहाँ से कई प्रसिद्ध क्रिकेटर उभरकर सामने आए थे। इससे पहले, सचिन ने बांद्रा ईस्ट के भारतीय एजुकेशन सोसाइटी के न्यू इंग्लिश स्कूल में अध्ययन किया था

Explanation:

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Answered by tarsemgujjar0
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सचिन की महानता क्रिकेट का सेवक बनने में है अगला दूसरा प्रश्न सचिन के बल्ले से रन बरसते हैं सचिन ने 31000 से ज्यादा रन बनाए हैं तीसरा प्रश्न उत्तर सचिन का जन्म 24 अप्रैल 1972 में मुंबई में हुआ सचिन के भाई ने उन्हें क्रिकेट खेलने के लिए प्रेरित किया तेज गेंदबाजी सीखने के लिए एम एस एकेडमी में दाखिला लिया कोच रमाकांत अचरेकर द्वारा क्रिकेट की ट्रेनिंग 14 वर्ष की आयु में पांच पारियों से पांच पारियों में 102 8 रन बनाए चौथा उत्तर कोच रमाकांत अजगर की देखरेख में अपने क्रिकेट का सफर आरंभ किया अपने साथी खिलाड़ी विनोद कांबली के साथ 664रन बनाए रनों की भागीदारी की


tarsemgujjar0: very good sir
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