how can I accept u............yashwani......
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I accept youरसखान जी श्री कृष्ण से प्रेम करते हैं। जिस वन, बाग और तालाब में श्री कृष्ण ने नाना प्रकार की क्रीड़ा की है, उन्हें निहारते रहना चाहते हैं। ऐसा करके उन्हें अमिट सुख प्राप्त होता है। ये सुख ऐसा है जिस पर संसार के समस्त सुखों को न्योछावर किया जा सकता है। इनके कण-कण में श्री कृष्ण का ही वास है ऐसा रसखान को प्रतीत होता है और इस दिव्य अनुभूति को वे त्यागना नहीं चाहते। इसलिए इन्हें निहारते रहते हैं। इनके दर्शन मात्र से ही उनका हृदय प्रेम से गद-गद हो जाता है।
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hi..........................
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