How is the attitude of the poet towards the rabbit reflected?
उस खरगोश के प्रति कवि का नजरिया (मनोदशा) कैसे प्रकट होता है?
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The attitude of the poet towards the rabbit is reflected in the poem. When he hears a cry of rabbit in the snare then he becomes uneasy. He searching everywhere. ... He calls the rabbit “little ones” with sympathy.
खरगोश के प्रति कवि का दृष्टिकोण कविता में परिलक्षित होता है। जब वह खर्राटे में खरगोश का रोना सुनता है तो वह असहज हो जाता है। उसने हर जगह खोज की। ... वह खरगोश को "छोटों" को सहानुभूति के साथ कहता है।
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