how many types of mango name them in Hindi
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गर्मियों के मौसम में सबसे ज्यादा पसंद किया जानेवाला फल है आम। इसे आम और खास, सभी लोग बड़े शौक से खाते हैं। यह हमारी सेहत को दुरुस्त बनाए रखने में मददगार है। अगर आप बहुत ज्यादा और बेवक्त आम खाते हैं तो इससे आपकी सेहत को नुकसान भी पहुंच सकता है। आम से जुड़ी ऐसी ही कुछ जरूरी जानकारियां एक्सपर्ट्स से बात करके बता रही हैं कविता शर्मा...
आम की प्रचलित किस्में
माना जाता है कि पूरी दुनिया में आमों की 1500 से ज्यादा किस्में हैं, जिनमें 1000 किस्में भारत में उगाई जाती हैं। हर किस्म की अपनी ही अलग पहचान, महक और स्वाद होता है लेकिन उनमें भी कुछ बेहद प्रचलित किस्म हैं, जिन्हें बड़े शौक से खाया जाता है...
अल्फांसो: इस आम को आमों का राजा भी कहा जाता है। इसे मुख्य रूप से महाराष्ट्र में उगाया जाता है। अलग-अलग राज्यों में इसे अलग-अलग नामों से जाना जाता है। बादामी, गुडू, और कगड़ी हापुस आदि इसी के नाम हैं। यह मीडियम साइज का तिरछापन लिए अंडाकार और संतरी पीला रंग का होता है। इसका गूदा मुलायम और रेशारहित होता है। यह अप्रैल से जून के बीच आता है। मार्केट रेट 150 से 200 रुपये किलो है।
सिंदूरी: यह आम आंध्रप्रदेश की पैदावार है। यह मध्यम आकार का अंडाकार आम है। इस आम का ऊपरी हिस्सा लाल और बाकी हरा रंग का होता है। इसे अप्रैल-मई के महीने में खरीदा जा सकता है। मार्केट रेट 100 से 120 रुपये किलो है।
सफेदा: यह खासतौर से आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु का है। इसे बैंगनपल्ली और बेनिशान नाम से भी जाना जाता है। यह आकार में बड़ा और थोड़ा मोटा होता है। इसका रंग सुनहरा पीला होता है। यह अप्रैल और मई के महीने में आता है। इसे आमतौर से मैंगो शेक बनाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। मार्केट रेट 75 से 80 रुपये किलो होता है।
तोतापरी: यह मुख्य रूप से आंध्रप्रदेश का है। बाजार में यह मई में आता है। यह आकार में थोड़ा लंबा होता है। इसकी तोते की चोंच जैसी नोक निकली होती है। यह स्वाद में थोड़ा खट्टा होता है। माज़ा, स्लाइस, फ्रूटी आदि ड्रिंक्स बनाने के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता है। मार्केट रेट 55 रुपये किलो है।
केसर: यह गुजरात की प्रमुख किस्म है। मई के अंत में बाजारों में आसानी से यह उपलब्ध होती है। इसमें गूदा अधिक होता है और इसकी गुठली पतली होती है। खाने में बहुत मीठा और रसदार होता है। मार्केट रेट 50 से 60 रुपये किलो है।
दशहरी: यह यूपी का सबसे मशहूर आम है। यह साइज में मीडियम, लेकिन कुछ लंबा होता है। बिना कार्बाइड या मसाले से पके दशहरी आम का रंग हरा होता है। कैल्शियम कार्बाइड या अन्य किसी रसायन से पके दशहरी आम का रंग हरा और पीला मिक्स होता है। आम की यह किस्म देशभर में सबसे ज्यादा पसंद की जाने वाली किस्म है। यह जून-जुलाई महीने में उपलब्ध होता है। यह खाने में मीठा और स्वाद से भरपूर होता है। मार्केट रेट 70 रुपये किलो है।
लंगड़ा: यह किस्म यूपी-बिहार में खूब पॉपुलर है। मध्य जून से जुलाई मध्य तक यह आता है। यह मीडियम अंडाकार साइज का होता है। इसका रंग हरा होता है और इसमें रेशे कम होते हैं। इसे ज्यादा दिन तक सुरक्षित नहीं रखा जा सकता है। इसका मार्केट रेट 70 रुपये किलो है।
चौसा: यह यूपी की फसल है। मुख्य रूप से जुलाई से अगस्त महीने में आता है। साइज में मीडियम अंडाकार और थोड़ा पतला होता है। इसका रंग पीला होता है। यह बेहद रसदार और मीठा होता है। मार्केट रेट 100 रुपये किलो है।
डिंगा: यह लखनऊ की प्रसिद्ध उपज है। यह आकार में थोड़ा छोटा अंडाकार और गोल्डन सुनहरे रंग का होता है। इस आम को आमतौर पर चूसकर खाया जाता है। जुलाई से अगस्त के बीच यह आता है। खाने में स्वादिष्ट मीठा और रेशेदार होता है। मार्केट रेट 50 रुपये किलो है।
फजली: यह आम सीजन का सबसे अंतिम आम होता है। लोग अगस्त तक इसका स्वाद लेते हैं। आम का सीजन जब खत्म हो जाता है तब यह आता है। मार्केट रेट 80 से 90 रुपये किलो है।
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