Hindi, asked by nishy, 1 year ago

how to avoid pollution in HINDI.(150 words)


diana: mera ans q delete kiya ...so mean
nishy: i really dont know how that happened
nishy: sorry diana
diana: its ok
nishy: which standard ar u in??
diana: 9th
diana: and u
nishy: 10th
nishy: which place ar u from??
nishy: hey

Answers

Answered by paras
169
प्रकृति से खिलवाड़ करके जो विभिषिकाएं मनुष्य ने खड़ी कर दी है प्रसका समाधान भी मनुष्य को ही करना होगा। प्रदूषण नियन्त्रण व प्रकृतिक सन्तुलन के लिए उपायों के लाभ:- 
१.    यज्ञण्वं अग्रिहोत्र, नित्य बलिवैश्व- हवन की हुई किसी भी औषधि का कोई भी तत्व किसी भी प्रकार नष्ट नहीं होता वे सारे के सारे अपनी पूरी शक्ति के साथ विस्फुटित होकर वायुमणडल में मिल जाते हैं। -पं. श्रीराम शर्मा आचार्य 
*     जहाँ यज्ञ होते हैं वहाँ के वायुमंडल में ऋण आयनों की     संख्या बढ़ जाती है जो कि शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य     के लिए बहुत लाभकारी है। 
*     खाण्ड (देशी शक्कर या गुड़) का हपन करने से जो धुंआ उठता है उसमें वायु को शुद्ध करने की विलक्षण शक्त है । 
-फ्रांस के विज्ञानवेत्ता पो. टिलबर्ट । 
*     गौधृत से हवन करने पर आँक्सीजन उत्पन्न होती है। 
 -वैज्ञानिक शिरोविच, रूप । 
*     वायुमण्डल को घातक विकिरण से बचाने के लिए देशी गाय के शुद्ध घी से हवन किया जाना चाहिए। वैज्ञानिक - शिरोविच। 
*    जायफल जलाने से उसके तेल के परमाणु १/१०००००००० से.मी. व्यास तक के सूक्ष्मा पाए गए। इनमें कार्बन के धुंए के कणों में घुसकर उन्हें शुद्ध तत्वों में बदलने की क्षमता पाई गई। 
*     यान्त्रिक सभ्यता को रोकने और वायु शुद्ध करने के लिए सारे विश्व में ही यज्ञ परम्परा चलाने के अतिरिक्त कोई विकल्प नहीं रह जाता। यज्ञों में ही वह सामथ्र्य है जो वायु प्रदूषण को समानान्तर गति से रोक सकती है। -पं. श्रीराम शर्मा आचर्य । 
२. वृक्षारोपण, जड़ी-बूटी व हरितिमा संवद्र्धन :- 
*     एक वृक्ष एक ऋतु में वायुमण्डल से १३० लीटर पेट्रोल के शीशे के अंश को सोंखकर उसे लेड फास्फेट में बदल देते है। वृक्ष के मरने पर यह ईंधन के रूप में काम में  आते हैं। 
*     एक स्वस्थ और परिपक्व पेड़ से एक दिन में जो ठंडक मिलती है वह २० घण्टे चलने वाले १० एयरकंडीशनर के बराबर होता है। 
*     एक पेड़ हर साल करीब ........ किलो आँक्सीजन देता है । 
*    एक एकड़ में लगे पेड़ हर वर्ष वायुमण्डल से २.६ टन डाइआँक्साइड सोंखते है। 
*    नीम, तुलसी व पीपल २४ घण्टे प्राणवायु (आँक्सीजन) छोड़ते है। 
*     वृक्ष-वनस्पतियां एटामिक रेडिएशन से हमारी रक्षा करते है। 
*     जड़ी-बूटियों का स्थूल सेवन न करने पर भी वे हमारे आसपास शुद्ध व आरोग्यकारी वातावरण बनाते हैं। 
*     भूमिगत जल को संरक्षित करता है। 
*     ग्रीन हाऊस गैसों को सोंखकर वातावरण को अधिक गर्म होने से रोकता है। 
3.     अपने जीवन शैली में यथोचित परीवर्तन:- 
*     बाजार जाने से पहले पर्याप्त छोटे-बड़े झोले रख लेने से पॉलीथिन से बचा जा सकता है। 
*     डिस्पोजेबल गिलास, थाली आदि के प्रयोग से बचा जाए, पत्तल दाने का प्रयोग किया जाए। 
*     नहाने के लिए झाग वाले साबुन के बजाए मुल्तानी मिट्टी, नीबू, हल्दी, दूध आदि का प्रयोग किया जाए। 
*     केमिकल वाले सेंटेड अगरबत्ती के स्थान पर गुगुल व हवन सामाग्री वाली अगरबत्ती का प्रयोग करें। 
*     जहाँ पैदल व साइकिल के प्रयोग से काम चलता हो वहां व्यर्थ पेट्रोल डीजल न फूंका जाए। 
Answered by shreyavenugopal
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pradushan, iski vajaise paryavaran naash ho rahi hai. pradushan ko hum rokh sakthe hai.vruksh aur pedon ko plant kana chahiye.aur usse varsh aata hai aur pradushan thoda kum ho sak tha hai aur dheere dheere se sab kuch pahle ki tarah ho ja yega.
paryavaran ka raksha karna humara kartavya hai.
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