how to behave with your maid in hindi
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केस 1: गुड़गांव में रहनेवालीं ज्योति मान को घर में काम करने के लिए फुलटाइम मेड की जरूरत थी। उन्होंने अखबार में छपे एक ऐड में दिए नंबर पर कॉल किया। खुद को एजेंट बताने वाले शख्स ने 30 हजार रुपये कमिशन और 6 हजार रुपये महीना सैलरी की बात की। मामला तय होने पर कथित एजेंट शाम को ही एक लड़की लेकर ज्योति के पास पहुंच गया। कमिशन के 30 हजार रुपये लेकर वह शख्स लौट गया और लड़की को वहीं छोड़ दिया। सुबह जब ज्योति की आंख खुली और उन्होंने घर से मेड को गायब देखा। साथ ही, गोल्ड की एक चेन, 2 महंगी साड़ियां, 10 हजार रुपये भी गायब थे। घबराकर ज्योति ने एजेंट के नंबर पर कॉल किया तो वह बंद मिला। वह हज्बैंड के साथ ऐड में छपे एड्रेस पर गईं तो वहां ताला लगा मिला। पुलिस में शिकायत की तो पहले तो पुलिस ने उन्हें फटकारा कि उन्होंने बिना जांच-पड़ताल के मेड क्यों रखी? फिर पुलिस ने जांच की तो पता लगा कि वह एजेंसी फ्रॉड थी। ज्योति को अपना सामान और पैसा वापस नहीं मिला।
केस 2: नोएडा के सेक्टर 35 में रहनेवालीं मालती मोहन ने सोसायटी के गेट पर गार्ड से कहकर एक लड़की पूजा को दिन भर के लिए काम पर रखा। लड़की की उम्र करीब 16 साल थी और पास की बस्ती में रहती थी। बहुत जल्दी उसने घर का सारा काम संभाल लिया और मालती का भरोसा भी जीत लिया। लेकिन धीरे-धीरे घर से चीजें गायब होने लगीं। मालती पूजा से पूछती तो वह कह देती कि घर में ही होगा, दीदी। मालती भी सोचती कि यहीं होगा लेकिन एक दिन मालती की डायमंड रिंग गायब हो गई तो उसने सख्ती से पूजा से पूछा। उसने रिंग के अलावा 15 हजार रुपये, सूट, साड़ी, बच्चे के कपड़े और न जाने क्या-क्या चुराने की बात कबूली। पूछताछ में पता लगा कि पूजा मालती से छुपाकर चीजें घर की छत पर रख आती थी और शाम को घर जाते हुए लेकर चली जाती थी। पूजा नाबालिग थी इसलिए मालती पुलिस में शिकायत भी नहीं कर पाई। किसी तरह पूजा के घरवालों से बात करके मालती को सिर्फ रिंग वापस मिली।
केस 3: राखी झारखंड से दिल्ली काम की तलाश में आई और एक प्लेसमेंट एजेंसी ने उसे लोदी कॉलोनी में निशा मोहंती के घर में काम पर लगवा दिया। निशा किराये पर रहती थीं। कुछ ही दिन बाद उन्होंने घर बदल लिया। राखी के पास फोन नहीं था। निशा के फोन पर ही एजेंसी वाले और राखी के घरवालों से बात होती थी। घर बदलने के बाद निशा ने एजेंसी वालों को न नया एड्रेस बताया और न ही फोन पर राखी की बात कराई। किसी तरह महीनों के बाद एक दिन राखी एजेंसी लौटी तो देखा कि उसके हाथों पर चोटों के कई निशान हैं। पता लगा कि निशा छोटी-छोटी बातों पर उसके साथ मारपीट करती थी और उसे ढंग से खाना भी नहीं देती थीं। राखी ने इन महीनों में काफी टॉर्चर झेला।
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