How to make a harbla cigrette in hindi
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धूमपान की लत से निजात के लिए आयुर्वेद ने नई उम्मीदें जगाई हैं। तमाम कंपनियां निकोटीनमुक्त हर्बल बीड़ी व सिगरेट पेश कर रही हैं जो न सिर्फ फेफड़ों को सुरक्षित रखेंगी, बल्कि धूम्रपान की लत से भी निजात दिलाएगा। कैंसर एवं दमा के मरीजों पर हर्बल बीड़ी का फार्मूला कामयाब रहा है। हर्बल बीड़ी में लौंग, इलायची एवं ब्राह़मी जैसे प्राचीन आयुर्वेदिक पादपों का अर्क मिला है। डाक्टरों का दावा है कि दो माह में मरीज धूम्रपान की लत छोड़ देता है।
देश में 70 फीसदी कैंसर की वजह धूमपान है। तंबाकू में निकोटीन, तार, कार्बनमोनोआक्साइड, कैडमियम एवं पोलोनियम समेत दर्जनों प्रकार के खतरनाक रसायन होते हैं। निकोटीन की मात्रा शरीर में पहुंचते ही दिमाग का सूचना मंत्र तेज हो जाता है और व्यक्ति धीरे-धीरे शरीर तंबाकू का आदी हो जाता है। तंबाकू सेवन की लत से निजात के लिए तमाम तरीकों पर शोध किया जा रहा है, किंतु पूरी सफलता नहीं मिल सकी है। हालांकि इस बीच ई-सिगरेट का कांसेप्ट शुरू किया गया, किंतु महंगा होने एवं उपलब्धता की कमी से कारगर नहीं रहा। अब तमाम कंपनियों ने आयुर्वेद के पन्नो को खंगालते हुए जड़ी बूटियों से नशाखोरी को दूर करने का फार्मूला पेश किया है। हर्बल बीड़ी और हर्बल सिगरेट में लौंग, इलायची, दालचीनी समेत दर्जनों जड़ी बूटियों के अर्क का प्रयोग किया गया है। धूमपान करने वालों को पूरी तरह तंबाकू का असर मिलेगा। धुआं फेफड़े तक न पहुंचे, इसके लिए माइक्रोफिल्टर का भी इस्तेमाल किया गया। अहमदाबाद की मान्स प्रोडक्ट लिमिटेड नामक कंपनी से निर्दोष बीड़ी पेश करते हुए दावा किया कि यह न सिर्फ दिमाग को तरोताजा करती है, बल्कि पाचन भी सहायक होगी।