Hindi, asked by asma27ansari, 11 months ago

How to write Prasang Lakhan

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Answered by kajalpustode9373
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Explanation:

मानव सभ्यता के विकास का उदात्त सोपान है संस्कृति है। आदिम मानव से आज तक मानव समुदाों ने खान -पान, रहन-सहन, नृत्य - गान - उत्स्व, कला सर्जना, चिंतन-मनन

, आचार-व्यवहार, धर्म - आचार - अध्यात्मआदि से संबंधित जिन मान्यताओं को विकसित किया, सँजोया एव परंपराओं के रूप में एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ीतक पहुँचाया, वे ही संस्कृति के मूलभूत तत्व हैं। सभ्यता मानव का भौतिक विकास है, साधन - संपन्नता काप्रयास है तो संस्कृति उसका मानसिक -आत्मिक विकास है।सभ्यता बुद्धि एंव तर्क प्रधान है, तो संस्कृति श्रद्धा एव आस्था से परिपूर्ण होती है।संस्कृति वस्तुत:स्थायी जीवन - मूल्यों की खोज और उनके संचयन का उदात्त प्रयत्न है।ज्ञान विज्ञानं का विकास, भौतिक संसाधनों एव उपभोक्ता वस्तुओं का उत्पादन, संचार एव परिवहन के साधनोंका विकास जहाँ सभ्यता को सूचित करता है, वही नैतिकता की खोज, मानवीय संवेदनाओं का प्रसार, कला -कौशल, साहित्य - संगीत - नृत्य आदि ललित्यपूर्ण क्रिया - कलाप संस्कृति के अंग हैं |सभ्यता बुद्धिप्रधान, तर्कप्रधान होती है , विवेकहीन होती है ; अतः वह अपने विकास की रौ में सभी को रौंदतीचली जाती है । सभ्यता अपने चरम उन्नत क्षणों में संवेदन शून्यता की ओर ले जाती है | समृद्धि की खोज मेंवह सारा विवेक भूल जाती है | वनों को, जल संसाधनों को, धरती को - सभी को नष्ट - अष्ट करती एक विशालयद्धटैंक -सी धड़धड़ाती चल पड़ती है | उसकी संवेदनायाँ कुंठित हो जाती है ; कलात्मकता क्षीण हो जाती है |क. संस्कृति के मूलतत्व कौन से हैं?2Mख. संस्कृति के अंग किन्हें कहा जा सकता है?1Mग. सभ्यता व संस्कृति में मुख्य अंतर क्या हैं?2Mघ. गद्यांश का केंद्रीय भाव लिखिए |2Mङ. सभ्यता के अविवेकी हो जाने के क्या परिणाम होते हैं?2M

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