HS:
Solve the given worksheet in Maths homework notebook.
Complete the activities given in Brain Vita (mental maths) book from ac
space provided in book with pencil only.
Make a project by choosing any one of the topics given below. Use was
home to make your project
3D solid figures
Roman Numerals
Types of Angle
Project should be the the waste. Use your creativity and im
help of the Internet
Thermocol
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dianeliza
dianeliza
15.09.2016
Hindi
Primary School
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Essay on मेरे दादाजी
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kvnmurty
kvnmurty
मेरे दादाजी बहुत अच्छे है| उनका नाम है देव | वे हमारे साथ ही रहते हैं उनके कमरे में | उनका उम्र है कुछ पचपन साल या साठ साल | जब से हमारी दादी मर गयी , वे हमारे साथ हैं |
दादाजी मुझे बहुत प्यार करते हैं | वे हमेशा मुश्कुराते रहते हैं| मुझे टॉफी, तोफे लाते हैं| शाम को मेरे होमवर्क में मेरे साथ भी देते हैं | वे सुबह सुबह पैदल जाते है पार्क तक और कभी कभी मैं अगर जाग जाया, तो मैं भी जाता हूँ उनके साथ | अक्सर मैं शाम को उनके साथ पैदल चले जाता हूँ , हमारे कालोनी में ताज़ा हवा खाने |
दादाजी एक कम्पनी में काम करते हैं और कुछ बिजिनेस भी करते हैं | वे कम्पूटर भी समझते हैं | लेकिन इतना ज्यादा नहीं जितना ज्यादा मैं समझता हूँ | उनको अक्सर मैं सिखाता हूँ कम्पूटर पर |
सुबह अखबार पढ़ते हैं काफी पीते पीते | शाम को कुछ किताबें पढ़ते हैं और कुछ कुछ लिखते भी हैं | अक्सर वे दूसरे शहर भी जाते हैं अपने गाव में अपना घर और अन्य रिश्तेदारों से मिलने | हम दोनों कम्पूटर पर खेल भी खेलते हैं | कभी कभी ब्रैन्ली के ऊपर मैं कुछ सवालों का जवाब उनसे पूछता हूँ, उनके बताये हुए जवाब मैं लिख देता हूँ|
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kvnmurty
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sofikulhussain001
sofikulhussain001 Ambitious
दादा-दादी पर निबंध
दादा-दादी और पोता-पोती के बीच के संबंध शब्दों में वर्णित नहीं किए जा सकते हैं। दादा-दादी न केवल बच्चों में अच्छी आदतें और नैतिक मूल्यों को विकसित करते हैं बल्कि असीमित आनंद उठाने के लिए उनके सबसे अच्छे दोस्त भी बन जाते हैं। जहाँ तक माता-पिता की बात है तो वे अपने बच्चों के लिए सभी प्रकार की सहूलियतें उपलब्ध कराने की कोशिश करते हैं लेकिन उनके दादा-दादी के बिना यह सारी कोशिशें अधूरी हैं।
ऐसा अक्सर देखा जाता है कि पोता-पोती के अन्दर अपने दादा-दादी से मिलते जुलते कई गुण पाए जाते हैं। आपने कई बार उन्हें उसी तरीके से बर्ताव करते हुए देखा भी होगा। दिलचस्प बात यह है कि ऐसा सिर्फ उन लोगों के साथ ही नहीं है जो हमेशा एक साथ रहें हो बल्कि उन लोगों के साथ भी है जिन्हें शायद ही एक-दूसरे से मिलने का मौका मिल पाता हो। इसका कारण यह है कि बच्चे अपने दादा-दादी के कुछ गुणों को जन्म से अपनी पैतृक सम्पत्ति के रूप में प्राप्त करते हैं।
दुर्भाग्य से अलग-अलग परिवारो