Physics, asked by moniroy870, 1 year ago

Hum Samajh Ke Adhyan kis Prakar karte hain Charcha Kijiye 500 shabdo mein


missuniverse786: mr adityasingh
missuniverse786: are you busy
adityasingh29: sorry may thoda busy tha
adityasingh29: abhi msgs kro
adityasingh29: are yarr Khan ho
adityasingh29: reply do
adityasingh29: may WhatsApp pe wait kar rha tha
adityasingh29: bas kar pagli rulaye gi kya
adityasingh29: status itna khtarmak
adityasingh29: khtarnak**

Answers

Answered by Anonymous
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 \huge \bold{hlo \: mate} \\  \\  \huge \boxed{ = ans. =  > }

आज समाज में मानवीय मूल्य तथा पारिवारिक मूल्य धीरे-धीरे समाप्त होते जा रहे हैं। समाज का स्वरूप बदल रहा है। लोगों में प्रेम-प्यार, भाईचारे के स्थान पर धन अधिक प्रिय हो गया है। ज़्यादातर व्यक्ति अपने स्वार्थ के लिए रिश्ते निभाते हैं, अपनी आवश्यकताओं के हिसाब से मिलते हैं। अमीर लोगों या रिश्तेदारों का सम्मान करते हैं, उनसे मिलने को आतुर रहते हैं जबकि गरीब रिश्तेदारों यो लोगों से कतराते हैं। केवल स्वार्थ सिद्धि की अहमियत रह गई है। आए दिन हम अखबारों में समाचार पढ़ते हैं कि ज़मीन जाय़दाद, पैसे जेवर के लिए लोग घिनौने से घिनौना कार्य कर जाते हैं। सामाजिक परंपराएँ और मान्यताएँ दम तोड़ रही है। समाज छिन्न-भिन्न हो रहा है।

हम समाज का अध्ययन व्यवहारिकता से कर सकते है ।

हम सामाजिक कारणों का पता लगा कर और उनका हल करने के लिए उनकी पूरी जानकारी परभाषित करनी पड़ती है ।

हमें समाज का प्रकृति से मापदंड और वैज्ञानिक ज्ञान करने पड़ता है ।

हमें उद्धार दृष्टिकोण का विकास करना पड़ता है ।

हमें ग्रामीण पुननिर्माण में सहायक होना पड़ता है ।

हमें समाज सुधारक होना चाहिए ।

हमारे द्वारा देशवासियों में एकता की भावना पैदा करना ।

 \huge \bold{hope \: it \: helps}


Anonymous: ohk..thq..☺️⚠️
missuniverse786: arey most most welcome
missuniverse786: ok bhaiya jii
Anonymous: ohk..☺️⚠️✔️
missuniverse786: hmm
Anonymous: ✋✋bss ab boht✋✋
Anonymous: ☺️☺️☺️
Anonymous: ..
missuniverse786: ha wahi toh
missuniverse786: bass aab bohot
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