hy
ans it quickly
paath kallu kumaar ki unaakoti k aadhaar par lekhak ki daynik dincharya ka varnan kijiye!!
Answers
Answered by
1
hayy mate here your answer ✔️ ✔️
_____________________________
कल्लू कुम्हार की उनाकोटी में लेखक के. विक्रम सिंह ने अपनी यात्रा का वर्णन
करा है। एक बार काम के सिलसिले में लेखक त्रिपुरा गए थे। वहाँ अपने कार्यक्रम के
लिए उन्होंने अनेक स्थानों की यात्रा करी। उनाकोटी उन स्थानों में से एक था। लेखक
ने इस स्थान का विशेष रूप से वर्णन करा है और बताया है कि वहाँ शिव की एक करोड़ से
एक कम मूर्तियाँ हैं।
त्रिपुरा में कल्लू नाम का
एक कुम्हार रहता था। वह शिव जी के साथ रहना चाहता था। भगवान शिव ने शर्त रखी कि
उसे एक रात में शिव जी की एक करोड़ मूर्तियाँ बनानी होंगी। कल्लू जाने के लिए बहुत
उत्सुक्त था इसलिए तुरंत मूर्तियाँ बनाने लगा। परन्तु एक मूर्ति रह गयी और सुबह हो
गई। इसलिए वह शिव जी के साथ नहीं जा सका और वहीँ रह गया। उसी के नाम से त्रिपुरा
के उस स्थान का नाम उनाकोटी पड़ा। उनाकोटी का अर्थ है एक करोड़ से एक कम।
लेखक को यह स्थान बहुत
रमणीय लगा। इस स्थान पर लेखक ने अपने कार्यक्रम की शूटिंग भी करी।
इसके अतिरिक्त लेखक ने त्रिपुरा की
संस्कृति, सभ्यता, धर्म, वहाँ का जन जीवन और जनजातियों के बारे में बताया है। त्रिपुरा
बहुधार्मिक समाज का उदाहरण है। वहाँ पर लगातार बाहरी लोग आते रहे हैं। त्रिपुरा
में उन्नीस अनुसूचित जनजातियाँ हैं। वहाँ विश्व के चारों बड़े धर्मों का
प्रतिनिधित्व मौजूद है। अगरतला के बाहरी हिस्से पैचारथल में एक सुंदर बौध मंदिर
है। त्रिपुरा के उन्नीस कबीलों में से चकमा और मुघ महायानी बौध हैं। ये कबीले
म्यांमार से आये थे। इस मंदिर की मुख्य बुद्ध प्रतिमा 1930 में रंगून से लाई गयी
थी।
टीलियामुरा में लेखक का परिचय समाज
सेविका मंजू ऋषिदास और लोकगायक हेमंत
कुमार जमातिया से हुई।
त्रिपुरा में अगरबत्ती बनाना, बाँस के खिलौने
बनाना और गले में पहनने की मालायें बनाना आदि घरेलू उद्योग चलते हैं
_____________________________
❤️⭐I hope you mark as brainlist answer⭐❤️✨✨✨
_____________________________
कल्लू कुम्हार की उनाकोटी में लेखक के. विक्रम सिंह ने अपनी यात्रा का वर्णन
करा है। एक बार काम के सिलसिले में लेखक त्रिपुरा गए थे। वहाँ अपने कार्यक्रम के
लिए उन्होंने अनेक स्थानों की यात्रा करी। उनाकोटी उन स्थानों में से एक था। लेखक
ने इस स्थान का विशेष रूप से वर्णन करा है और बताया है कि वहाँ शिव की एक करोड़ से
एक कम मूर्तियाँ हैं।
त्रिपुरा में कल्लू नाम का
एक कुम्हार रहता था। वह शिव जी के साथ रहना चाहता था। भगवान शिव ने शर्त रखी कि
उसे एक रात में शिव जी की एक करोड़ मूर्तियाँ बनानी होंगी। कल्लू जाने के लिए बहुत
उत्सुक्त था इसलिए तुरंत मूर्तियाँ बनाने लगा। परन्तु एक मूर्ति रह गयी और सुबह हो
गई। इसलिए वह शिव जी के साथ नहीं जा सका और वहीँ रह गया। उसी के नाम से त्रिपुरा
के उस स्थान का नाम उनाकोटी पड़ा। उनाकोटी का अर्थ है एक करोड़ से एक कम।
लेखक को यह स्थान बहुत
रमणीय लगा। इस स्थान पर लेखक ने अपने कार्यक्रम की शूटिंग भी करी।
इसके अतिरिक्त लेखक ने त्रिपुरा की
संस्कृति, सभ्यता, धर्म, वहाँ का जन जीवन और जनजातियों के बारे में बताया है। त्रिपुरा
बहुधार्मिक समाज का उदाहरण है। वहाँ पर लगातार बाहरी लोग आते रहे हैं। त्रिपुरा
में उन्नीस अनुसूचित जनजातियाँ हैं। वहाँ विश्व के चारों बड़े धर्मों का
प्रतिनिधित्व मौजूद है। अगरतला के बाहरी हिस्से पैचारथल में एक सुंदर बौध मंदिर
है। त्रिपुरा के उन्नीस कबीलों में से चकमा और मुघ महायानी बौध हैं। ये कबीले
म्यांमार से आये थे। इस मंदिर की मुख्य बुद्ध प्रतिमा 1930 में रंगून से लाई गयी
थी।
टीलियामुरा में लेखक का परिचय समाज
सेविका मंजू ऋषिदास और लोकगायक हेमंत
कुमार जमातिया से हुई।
त्रिपुरा में अगरबत्ती बनाना, बाँस के खिलौने
बनाना और गले में पहनने की मालायें बनाना आदि घरेलू उद्योग चलते हैं
_____________________________
❤️⭐I hope you mark as brainlist answer⭐❤️✨✨✨
trisha10433:
copy paste?
Answered by
1
https://youtu.be/-wM1gNzNYGo
Similar questions