i) ऐसेवर्ण जो मूर्धा के आधार पर बोले जाते हैं।
ii) ऐसेवर्ण जो ओठों की सहायतस से बोले जाते हैं
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- Answer. ऋ, ऋृ, ट वर्ग (ट्, ठ्, ड्, ढ्, ण्), र्, ष् का उच्चारण-स्थान मूर्धा है। मूर्धा से बोले जाने वाले वर्णों को मूर्धन्य कहा जाता है (ऋटुरषाणां मूर्धा)। इनके उच्चारण में जिह्वा ऊपर के दाँतों के साथ वाले खुरदरे भाग 'मूर्धा' का स्पर्श करती है।
- ओष्ठ्य - उ, ऊ और पवर्ग दोनों ओठ के स्पर्श से बोले जाते हैं इसलिए ये ओष्ठ्य वर्ण कहलाते हैं। कंठतालव्य - ए, ऐ, कंठ और तालु के स्पर्श से बोले जाते हैं इसलिए ये कंठतालव्य वर्ण कहलाते हैं। कंठोष्ठ्य - ओ और औ कंठ द्वारा जीभ के स्पर्श से बोले जाते हैं इसलिए ये कंठोष्ठ्य वर्ण कहलाते हैं।
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