English, asked by janviarojj, 2 months ago

(i) appusIU
11. Translate the following into English:
मानव प्रकृ
ति की अनुपम कृति है। प्रकृति की ही भाँति मानव भी गतिशील है। यह मानव प्रत्येक युग
सक्रिय रहा है। वह बदलते हुए समय की आवश्यकतानुसार अपनी सोच में लोच लाता है और क्रमश:
सांबढ़ता जाता है। जीवन-पथ पर अग्रसर होना सभी मानव मात्र का उद्देश्य रहा है। प्रायः यह देख
है कि जीवन में सकारात्मक दृष्टिकोण रखकर ही हम अपने लक्ष्य तक पहुँच सकते हैं। सक्रियता
स्वागत प्रत्येक रूप में, प्रत्येक पल में होना चाहिए। अपने लक्ष्य के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर
कान की भावना विकसित की जानी चाहिए। सक्रियता के साथ-साथ दृढ़ती, आत्मविश्वास आदि
मानवीय गुणों का होना आवश्यक है। यही मानव धर्म है।

Answers

Answered by anil1801979
3

Answer:

Human is the great architecture of nature.Like nature human also growing.

Answered by sanjnaghalot200
2

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11. Translate the following into English:मानव प्रकृति की अनुपम कृति है। प्रकृति की ही भाँति मानव भी गतिशील है। यह मानव प्रत्येक युग

11. Translate the following into English:मानव प्रकृति की अनुपम कृति है। प्रकृति की ही भाँति मानव भी गतिशील है। यह मानव प्रत्येक युगसक्रिय रहा है। वह बदलते हुए समय की आवश्यकतानुसार अपनी सोच में लोच लाता है और क्रमश:

11. Translate the following into English:मानव प्रकृति की अनुपम कृति है। प्रकृति की ही भाँति मानव भी गतिशील है। यह मानव प्रत्येक युगसक्रिय रहा है। वह बदलते हुए समय की आवश्यकतानुसार अपनी सोच में लोच लाता है और क्रमश:सांबढ़ता जाता है। जीवन-पथ पर अग्रसर होना सभी मानव मात्र का उद्देश्य रहा है। प्रायः यह देख

11. Translate the following into English:मानव प्रकृति की अनुपम कृति है। प्रकृति की ही भाँति मानव भी गतिशील है। यह मानव प्रत्येक युगसक्रिय रहा है। वह बदलते हुए समय की आवश्यकतानुसार अपनी सोच में लोच लाता है और क्रमश:सांबढ़ता जाता है। जीवन-पथ पर अग्रसर होना सभी मानव मात्र का उद्देश्य रहा है। प्रायः यह देखहै कि जीवन में सकारात्मक दृष्टिकोण रखकर ही हम अपने लक्ष्य तक पहुँच सकते हैं। सक्रियता

11. Translate the following into English:मानव प्रकृति की अनुपम कृति है। प्रकृति की ही भाँति मानव भी गतिशील है। यह मानव प्रत्येक युगसक्रिय रहा है। वह बदलते हुए समय की आवश्यकतानुसार अपनी सोच में लोच लाता है और क्रमश:सांबढ़ता जाता है। जीवन-पथ पर अग्रसर होना सभी मानव मात्र का उद्देश्य रहा है। प्रायः यह देखहै कि जीवन में सकारात्मक दृष्टिकोण रखकर ही हम अपने लक्ष्य तक पहुँच सकते हैं। सक्रियतास्वागत प्रत्येक

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