इंडिया स्पेस प्रोग्राम के ऊपर फाइव लाइंस
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1962 में जब भारत सरकार द्वारा भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष अनुसंधान समिति (इन्कोस्पार) का गठन हुआ तब भारत ने अंतरिक्ष में जाने का निर्णय लिया। कर्णधार, दूरदृष्टा डॉ. विक्रम साराभाई के साथ इन्कोस्पार ने ऊपरी वायुमंडलीय अनुसंधान के लिए तिरुवनंतपुरम में थुंबा भूमध्यरेखीय राकेट प्रमोचन केंद्र (टर्ल्स) की स्थापना की।
1969 में गठित भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने तत्कालीन इन्कोस्पार का अधिक्रमण किया। डॉ. विक्रम साराभाई ने राष्ट्र के विकास में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी की भूमिका तथा महत्व को पहचानते हुए इसरो को विकास के लिए एजेंट के रूप में कार्य करने हेतु आवश्यक निदेश दिए। तत्पश्चात् इसरो ने राष्ट्र को अंतरिक्ष आधारित सेवाएँ प्रदान करने हेतु मिशनों पर कार्य प्रारंभ किया और उन्हें स्वदेशी तौर पर प्राप्त करने के लिए प्रैद्योगिकी विकसित की।
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