इंग्लैंड के ऊन और रेशम उत्पादकों ने अठारहवीं सदी की शुरुआत में भारत से आयात होने वाले कपड़े का विरोध क्यों किया था?
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इंग्लैंड के ऊन और रेशम उत्पादकों ने अठारहवीं सदी की शुरुआत में भारत से आयात होने वाले कपड़े का विरोध इसलिए किया था क्योंकि वे लोग भारतीय वस्त्रों की लोकप्रियता को देखकर बेचैन थे। उस वक्त इंग्लैंड में नए नए कपड़े के कारखाने खुल रहे थे इसलिए वे चाहते थे कि पूरी इंग्लैंड में उन्हीं के कारखानों में बना कपड़ा ही बिके ।
HOPE ITS HELPFUL
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भारत से आयात होने वाले कपड़े का विरोध
- इंग्लैंड में नए-नए कपड़ा कारखाने खुल रहे थे। अंग्रेज़ कपड़ा उत्पादक अपने देश में केवल अपना ही कपड़ा बेचना चाहते थे।
- इंग्लैंड के ऊन व रेशम निर्माता भारतीय कपड़े की लोकप्रियता से परेशान थे।
- अब सफेद मलमल या बिना माँड़ वाले कोरे भारतीय कपड़े पर इंग्लैंड में ही भारतीय डिजाइन छाप जाने लगे।
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