I. गद्यांश पढ़कर नीचे दिए प्रश्नों का उत्तर दो(5×1) महाभारत की कथा महर्षि पराशर के कीर्तिमान पुत्र वेदव्यास की देन है । व्यास जी ने महाभारत की कथा सबसे पहले अपने पुत्र शुकदेव को सुनाई और बाद में अपने शिक्षकों की ।मानव जाति में महाभारत की कथा का प्रचार वैशंपायन के द्वारा हुआ।वैशंपायन व्यास जी के प्रमुख शिक्षा थे। ऐसा माना जाता है कि महाराज परीक्षित के पुत्र जनमेजय ने एक बड़ा यज्ञ किया ।इस महायज्ञ में सुप्रसिद्ध पौराणिक सूतजी ने मैज़ूद थे। सूत जी ने समस्त विषयों को एक सभा बुलाई। महर्षि रौनक ने इस सभा के अध्यक्ष हुए।सूत जी ने ऋषियों के सभा में महाभारत की कथा प्रारंभ की। महाराजा शांतनु के बाद उनके पुत्र चित्रांगद हस्तिनापुर की गद्दी पर बैठे ।उनकी अकाल मृत्यु हो जाने पर उनके भाई विचित्रवीर्य राजा हुए ।उनके दो पुत्र हुए धृतराष्ट्र और पांडू थे। बड़े बेटे धृतराष्ट्र जन्म से ही अंधे थे, इसलिए उस समय की नीति के अनुसार पांडु को गद्दी पर बैठाया गया। 1 महाभारत किसकी देन है? 2 व्यास जी का पुत्र का नाम क्या है? 3. परीक्षित महाराज का पुत्र का नाम क्या है? 4 विचित्रवीर्य का पुत्रों का नाम क्या क्या है? 5 पांडु ने गद्दी पर क्यों बैठाया गया?
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kyuki drat rashtra andhe the
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1-vedvyas
2-shukdev
3-janmejay
4- dhratrahstra and Pandu
5-us samay ke niti ke anusar
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