Hindi, asked by yatachandu6379, 6 months ago

(इ) गद्यांश पढ़कर प्रश्नों के उत्तर लिखिए।
एक बार मेरे पिताजी 'श्रवण की पितृभक्ति' नामक पुस्तक खरीद कर लाये। मैंने उसे
बड़े चाव से पढ़ा। उन दिनों बाइस्कोप में तस्वीर दिखानेवाले लोग आया करते थे। तभी मैंने अपने
माता-पिता को बहंगी पर बिठाकर ले जानेवाले श्रवण कुमार का चित्र भी देखा। इन बातों का
मेरे मन पर बहुत गहरा प्रभाव पड़ा। मन-ही-मन मैंने ठान लिया कि मैं भी श्रवण की तरह बनूँगा।
मैंने ‘सत्य हरिश्चंद्र' नाटक भी देखा था। बार-बार उसे देख weने की इच्छा होती। हरिश्चंद्र के सपने
आते। यह बात मेरे मन में बैठ गयी। चाहे हरिश्चंद्र की भाँति कष्ट क्यों न उठाना पड़े, पर सत्य
को कभी नहीं छोड़ना चाहिए।
प्रश्न
1. सेवाभाव की प्रेरणा महात्मा गाँधी को कैसे मिली?
2. सत्य की प्रेरणा महात्मा गाँधी को किससे मिली?
3. इस गद्यांश का उचित शीर्षक क्या होगा?​


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Answers

Answered by mansuriakhtarhusen
2

Answer:

1 श्रवण की पितृभक्ति नामक पुस्तक पढ़ने से

2 सत्य हरिश्चंद्र नाटक देखने से

3 महात्मा गाँधी पर पुस्तक का प्रभाव

Answered by aadesahaja06
1

Answer:

1:ज: सेवाभाव की प्रेरणा महात्मा गांधी को श्रवण की पितृभक्ति नामक पुस्तक पढ़ने से मिली।

2:ज: सत्य की प्रेरणा महात्मा गांधी को सत्य हरिश्चन्द्र नाटक देखने से मिली।

3:ज: इस गद्यांश का उचित शीर्षक "महात्मा गांधी पर पुस्तक का प्रभाव" होगा।

Explaination:

This is the correct answer

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