'इंजन सचमुच स्टार्ट हो गया।' पंक्ति में निहित व्यंग्य को स्पष्ट कीजिए। class 8 workbook chapter 3
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नाजुक हालत देखकर लेखक की आँखों में बस के प्रति श्रद्धा के भाव आ जाते हैं। इंजन के स्टार्ट होते ही ऐसा लगता है की पूरी बस ही इंजन हो। सीट पर बैठ कर वह सोचता है वह सीट पर बैठा है या सीट उसपर। बस को देखकर वह कहता है ये बस जरूर गाँधी जी के असहयोग आंदोलन के समय की है क्योंकि बस के सारे पुर्जे एक-दूसरे को असहयोग कर रहे थे।
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