Hindi, asked by rosterindian6, 7 months ago

(i) कवि रैदास ने प्रभु को निडर क्यों कहा है?
(ii) रहिम के अनुसार मोती का मूल्य कब तक होता है?
(iii) बुझी पड़ी थी चिता वहाँ पर छाती धधक उठी मेरी । कथन का आशय स्पष्ट कीजिए। ​

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Answered by perfectmzr2
4

Answer:MARK MY ANSWER BRILLIANT

Explanation:

(i)कवि रैदास ने ‘हरिजीउ’ कहकर अपने आराध्य प्रभु को संबोधित किया है। कवि का मानना है कि उनके हरिजीउ के बिना माज के कमजोर समझे जाने को कृपा, स्नेह और प्यार कर ही नहीं सकता है। ऐसी कृपा करने वाला कोई और नहीं हो । सकता। समाज के अछूत समझे जाने वाले, नीच कहलाने वालों को ऊँचा स्थान और मान-सम्मान दिलाने का काम कवि के ‘हरिजीउ’ ही कर सकते हैं। उसके ‘हरजीउ’ की कृपा से सारे कार्य पूरे हो जाते हैं।

(ii)मोती का मूल्य तब तक होता है जब तक उस पर चमक होती है। मोती की वास्तविकता गुणवत्ता उसके बाहरी भाग पर विद्यामान चमक ही है। जब चमक नहीं रहती है, तो वह मूल्यहीन हो जाता है।

(iii)जब सुखिया का पिता जेल से छूटा तो वह श्मशान में गया। उसने देखा कि वहाँ उसकी बेटी की जगह राख की ढेरी पड़ी थी। उसकी बेटी की चिता ठंडी हो चुकी थी। पर एक पिता के सीने के आग धधक रही थी।

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