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घर परिवार के बड़े बुजुर्ग एक आशीर्वाद निबंध लिखिए
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घर परिवार के बड़े बुज़ुर्ग एक आशीर्वाद।
घर अगर एक नाव है तोह घर के बुज़ुर्ग उस नव के सारथि जो हमारे जीवन के सागर में हमारे घर परिवार की नव को अपने आदर्शो और अनुभवो से सही किनारे पर ले कर जाते है । हर घर में बड़े बुज़ुर्गो होने ही चाहिए इससे घर के बच्चों को उनका प्यार और आशीर्वाद दोनों ही मिलता है और बच्चे हमेशा अछि सीख जानते और अपनाते भी है । साथ ही बड़े बुज़ुरो का अनुभव उनके बच्चों के जीवन में हमेशा ही साथ देता है और काम आता है । लोग कहा करते थे की हर परिवार में बड़े बुज़ुर्ग होने ही चाहिए । बड़े बुज़ुर्ग हमेशा ही अपने परिवर के लिए आशीर्वाद से कम नहीं होते।
घर अगर एक नाव है तोह घर के बुज़ुर्ग उस नव के सारथि जो हमारे जीवन के सागर में हमारे घर परिवार की नव को अपने आदर्शो और अनुभवो से सही किनारे पर ले कर जाते है । हर घर में बड़े बुज़ुर्गो होने ही चाहिए इससे घर के बच्चों को उनका प्यार और आशीर्वाद दोनों ही मिलता है और बच्चे हमेशा अछि सीख जानते और अपनाते भी है । साथ ही बड़े बुज़ुरो का अनुभव उनके बच्चों के जीवन में हमेशा ही साथ देता है और काम आता है । लोग कहा करते थे की हर परिवार में बड़े बुज़ुर्ग होने ही चाहिए । बड़े बुज़ुर्ग हमेशा ही अपने परिवर के लिए आशीर्वाद से कम नहीं होते।
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परीवार की शान कहे जाने वाले हमारे बडे-बुजुर्ग आज परिवार मे अपने हि ,astitv को तलाशते नजर आ रहे है ।तिनका-तिनका जोड़कर अपने बच्चे के लिए आशियाना बनाने वाले पूराने पीढ़ी के लोग कब खुद आशियाने कि तलाश मे दरबार भटक रहे हैं। एसे मे इनका ठिकना बन रहे हैं वुदशरम ,जहाँ इनहैं रहने को छत औऱ खाने को भरपेट भोजन मिल रहा हैं।
बस यहाँ कमी कहै तो उस औलाद की ,जिनहै इन माता, पीता ने अपना खून पसीना एक करके पढाया लिखाया था परतु आज उसी ने इनहेदर दर दर ठोकरे खाने को मजबूर कर दिया हैं।
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बस यहाँ कमी कहै तो उस औलाद की ,जिनहै इन माता, पीता ने अपना खून पसीना एक करके पढाया लिखाया था परतु आज उसी ने इनहेदर दर दर ठोकरे खाने को मजबूर कर दिया हैं।
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