I'll mark u as brainliest if you answer this question. please write a note in 200 words on शहीद भगत सिंह का जीवन परिचय.
Answers
Answered by
1
you should give more than five points on this answer because this answer is very long
Answered by
3
8 अप्रैल, 1929 के दिन भगत सिंह और बटुकेश्वर दत्त ने असेम्बली में बम फैके, बम फटने के बाद उन्होंने एक नारा लगाया जो आपको याद ही होगा “इंकलाब जिंदाबाद, साम्राज्यवाद मुर्दाबाद!”। अब सब कुछ होने जाने के बाद भी भगत सिंह वहां से भाग सकते थे पर वो नहीं भागे क्योंकि इसी तरह से योजना बनी थी। कुछ देर बाद पुलिस आई और दोनों नौजवानों को गिरफ्तार कर लिया गया।
उसके बाद भगत सिंह को जेल में कैद कर लिया गया, जहा पर सबने मिलकर भूख हड़ताल की, जिसमे “यतीन्द्रनाथ दास” नाम के एक क्रन्तिकारी की करुण मौत हो गई थी। भगत सिंह जेल में बैठे बैठे अपने विचार लिखते थे जिनमे से “में नास्तिक हु” सबसे लोकप्रिय है।
23 मार्च, 1931 के दिन शाम को भगत सिंह और उनके दो साथियो को फाँसी के लिए ले जा रहे थे तब वे तीनो हस्ते हुए एक गाना गा रहे थे “मेरा रंग दे बसंती सोला, मेरा रंग दे बसंती सोला” का और उसके बाद तीनो क्रांतिकारियों को फाँसी दे दी गई।
फाँसी के बाद हिस्दुस्तान में हिंसा न भड़क उठे इस डर से अंग्रेजो ने इनके शवो को काटकर बोरियो में भरके फिरोजपुर के पास जलाने लगे, पर आग को देखकर वह लोग इकट्ठा होने लगे जिस वजह से इन तीनो को सतलज नदी में फैक दिया।
उसके बाद भगत सिंह को जेल में कैद कर लिया गया, जहा पर सबने मिलकर भूख हड़ताल की, जिसमे “यतीन्द्रनाथ दास” नाम के एक क्रन्तिकारी की करुण मौत हो गई थी। भगत सिंह जेल में बैठे बैठे अपने विचार लिखते थे जिनमे से “में नास्तिक हु” सबसे लोकप्रिय है।
23 मार्च, 1931 के दिन शाम को भगत सिंह और उनके दो साथियो को फाँसी के लिए ले जा रहे थे तब वे तीनो हस्ते हुए एक गाना गा रहे थे “मेरा रंग दे बसंती सोला, मेरा रंग दे बसंती सोला” का और उसके बाद तीनो क्रांतिकारियों को फाँसी दे दी गई।
फाँसी के बाद हिस्दुस्तान में हिंसा न भड़क उठे इस डर से अंग्रेजो ने इनके शवो को काटकर बोरियो में भरके फिरोजपुर के पास जलाने लगे, पर आग को देखकर वह लोग इकट्ठा होने लगे जिस वजह से इन तीनो को सतलज नदी में फैक दिया।
Similar questions