i) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लिखिए। अ) डार्विन का प्राकृतिक चयन का सिद्धांत स्पष्ट करिए।
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Answer:
प्राकृतिक वरण ही क्रम-विकास(Evolution) की प्रमुख कार्यविधि है। चार्ल्स डार्विन ने इसकी नींव रखी और इसका प्रचार-प्रसर किया। ... प्राकृतिक चयन का सिद्धांत इसकी व्याख्या कर सकता है कि पर्यावरण किस प्रकार प्रजातियों और जनसंख्या के विकास को प्रभावित करता है ताकि वो सबसे उपयुक्त लक्षणों का चयन कर सकें।
चार्ल्स डार्विन ने विविध प्रदेशों के वनस्पतियों तथा प्राणियों के असंख्य नमूने इकट्ठा किए। इस निरीक्षण के पश्चात डार्विन ने 'जो सत्संग होता वही अपने अस्तित्व को बनाए रखता है'यह बताने वाला प्राकृतिक चयन का सिद्धांत प्रतिपादित किया।
डार्विन ने अपनी संकल्पना स्पष्टीकरण किस प्रकार किया:
सभी सजीव असंख्या मात्रा में पुनर उत्पादन करते हैं। सभी सजीव क्या एक दूसरे से स्पर्धा करते हैं। जो एक प्रकार से जानलेवा होती है। अंत सभी सजीव हमेशा भोजन इत्यादि के लिए प्रतियोगिता करते रहते हैं। इन सजीव में वही सजीव जीवित रह पाते हैं जो प्राकृतिक के अनुरूप अनुकूलन दर्शन है। बचे हुए अन्य सजीव नष्ट हो जाते हैं।