Hindi, asked by rajshreechoudhary007, 1 month ago

I need a 200 word essay on pahiye ka mahatva, urgently please.​

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Answered by ayushop22
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Answer:

please mark me down as brainlist

Explanation:

भारत में हुआ था पहिए का आविष्कार, इसके एक हजार सबूत भारत में मौजूद हैं। जब पहिया खोजा गया होगा तो वह अपने आप में एक क्रांतिपूर्वक आविष्कार था, आज पहिए के बल पर ही दुनिया चल रही है। अगर पहिया न होता तो सब रुका हुआ होता। आज पहिए की रफ्तार इतनी तेज हो गई है कि उसमें मानवता कुचली जा रहा है। लेकिन यह सबसे बड़ा विकास है कि मानव अब चंद घंटों में ही धरती के एक छोर से दूसरे छोर पर पहुंच जाता है। अब सवाल यह उठता है कि किसने किया पहिए का आविष्कार? सचमुच उस आदमी ने सबसे बड़ी क्रांति कर दी थी।

आधुनिक पा‍श्चात्य इतिहासकार मानते हैं कि लकड़ी के पहिए का आविष्कार ईसा से 3500 वर्ष पूर्व मोसोपोटामिया (इराक) में हुआ था। इस पहिए को लकड़ी के कई तख्तों से जोड़कर बनाया गया था। इसका आविष्‍कार सुमेरियन सभ्यता के काल में हुआ था। दुनियाभर के स्कूलों में यही पढ़ाया जाता है।

Answered by arsh9255
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Answer:

पहिए जिसके उपर सारी दुनिया चलती है और आज पहिए के बल पर ही दुनिया चल रही है यदि पहिया न होता तो सब रुका हुआ होता आज पहिए की रफ्तार इतनी तेज हो गई है पहिए एक पहिया किसी भी चीज में लगा हुआ एक गोल आकार का ऐसा भाग होता है जो भार ढोने के साथ-साथ धरती पर लुड़क कर वाहन को चलाने का काम भी करते हैं केवल एक पहिया मशीन नहीं है, लेकिन जब एक धुरा को असर के साथ जोड़कर संलग्न किया जाता है, तो यह पहिया और धुरा बनाता है| सबसे पुराना बरामद नमूना एक लकड़ी का स्लोवेनियाई मॉडल है जो 5,100 से 5,350 साल पहले बना था कहा जाता है कि जिस तरह भारत में बहुत से वैज्ञानिक अविष्कार हुए जैसे जीरो के आविष्कार गणित की दुनिया मे क्रांति ला दी उसी तरह कहा जाता है कि पहिए का अविष्कार भारत में हुआ था लेकिन कुछ इतिहासकार मानते हैं कि सबसे पहले आविष्कार ईसा से 3500 वर्ष पूर्व मोसोपोटामिया (इराक) में हुआ था सबसे पहले पहिया पेड़ को काट कर उसके तने से बनाया जाता है

उनका कहना था कि था की इराक में पहिए का आविष्कार हुआ था लकड़ी के पहिए का आविष्कार हुआ और आज किताबो में भी यही पढ़ाया जाता है लेकिन सच तो यह है की पहिया का आविष्कार आज से लगभग 5000 साल पहले यानी महाभारत काल युग में भारत में ही हुआ था उस समय पहिए का उपयोग रथो में किया जाता था लेकिन कहा जाता है की सिन्धु घाटी की सभ्यता किन्हीं कारणों से अचानक नष्ट हो गई यहां तक कि खुदाई में भी ऐसे कई सबूत मिले हैं जिससे यह सिद्ध होता है कि पहिए का प्रचलन सिन्धु घाटी सभ्यता के लोगों के बीच व्यापक पैमाने पर था विश्व की सबसे प्राचीन सभ्यता सिंधु घाटी जो 1500 से 3000 ईसा पूर्व पुरानी है के अवशेषों में प्राप्त खिलोने या हाथी गाड़ी भारत के संग्रहालय रखी गयी है जो यह प्रमाण देती है की पहिया का आविष्कार भारत में हुआ था ना कि इराक में हुआ था |

पहिए का आविष्कार महत्वपूर्ण अविष्कार माना जाता है क्योंकि पहिया के आविष्कार से ही आज मानव जीवन गति कर रहा है और सब चीजें रफ्तार पकड़ी हुई यदि पहिए का आविष्कार ना होता तो आज दुनिया इतनी तरक्की नहीं करती और एक जगह रुक कर रह जाती पहिया आदिमानव काल में भी उतना ही उपयोगी था जितना आज के युग में है

लेकिन आदि मानव पत्थर के पहले बना कर सामान को एक जगह से दूसरे जगह पर ले जाते थे उन पत्थरों के पहियों से बहुत जोर आता था और आज के आधुनिक युग में तो इतने आधुनिक तैयार किए गए हैं कि कितना भी बोझ कितनी भी दूर एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाया जा सकता है आधुनिक वाहनों में हवा से भरे रबर के पहिये होते हैं जो टायर कहलाते हैं

यह बड़ी आसानी से कितना भी बोझ एक स्थान से दुसरे तक ले जा सकते हैं आज के वाहनों में रबड़ से बने हवा भरे हुए टायर इस लिए इस्तेमाल किए जाते हैं क्योंकि उन से वाहनों को इस से वाहनों को सामान ले जाने में जोर काम आता है और रफ्तार के लिए भी रबड़ के बने हवा भरे हुए पहिए इस्तेमाल किये जाते है

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