I need a detailed summary of yamraj ki disha chapter of class 9th since i have to make presentation for that... please its urgent....
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HI.....
प्रस्तुत कविता में कवि ने सभ्यता के विकास की खतरनाक दिशा की ओर इशारा करते हुए कहा है कि जीवन-विरोधी ताकतें चारों तरफ़ फैलती जा रही हैं। जीवन के दुख-दर्द के बीच जीती माँ अपशकुन के रूप में जिस भय की चर्चा करती थी, अब वह सिर्फ़ दक्षिण दिशा में ही नहीं हैं, सर्वव्यापक है। सभी तरफ़ फैलते विध्वंस, हिंसा और मृत्यु के चिह्नों की ओर इंगित करके कवि इस चुनौती के सामने खड़ा होने का मौन आह्वान करता है।
कवि कहता है कि उसकी माँ का ईश्वर के प्रति गहरा विश्वास था । वह ईश्वर पर भरोसा करके अपना जीवन किसी तरह बिताती आई थी। वह हमेशा दक्षिण की तरफ़ पैर करके सोने के लिए मना करती थी। अपने बचपन में कवि पूछता था कि यमराज का घर कहाँ है? माँ बताती थी कि वह जहाँ भी है वहाँ से हमेशा दक्षिण की तरफ़। उसके बाद कवि कभी भी दक्षिण की तरफ़ पैर करके नहीं सोया। वह जब भी दक्षिण की ओर जाता , उसे अपनी माँ के याद अवश्य आती। माँ अब नहीं है। पर आज जिधर भी पैर करके सोओ , वही दक्षिण दिशा हो जाती है। आज चारों ओर विध्वंस और हिंसा का साम्राज्य है।
HOPE IT WILL HELP U. . . . . . .
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प्रस्तुत कविता में कवि ने सभ्यता के विकास की खतरनाक दिशा की ओर इशारा करते हुए कहा है कि जीवन-विरोधी ताकतें चारों तरफ़ फैलती जा रही हैं। जीवन के दुख-दर्द के बीच जीती माँ अपशकुन के रूप में जिस भय की चर्चा करती थी, अब वह सिर्फ़ दक्षिण दिशा में ही नहीं हैं, सर्वव्यापक है। सभी तरफ़ फैलते विध्वंस, हिंसा और मृत्यु के चिह्नों की ओर इंगित करके कवि इस चुनौती के सामने खड़ा होने का मौन आह्वान करता है।
कवि कहता है कि उसकी माँ का ईश्वर के प्रति गहरा विश्वास था । वह ईश्वर पर भरोसा करके अपना जीवन किसी तरह बिताती आई थी। वह हमेशा दक्षिण की तरफ़ पैर करके सोने के लिए मना करती थी। अपने बचपन में कवि पूछता था कि यमराज का घर कहाँ है? माँ बताती थी कि वह जहाँ भी है वहाँ से हमेशा दक्षिण की तरफ़। उसके बाद कवि कभी भी दक्षिण की तरफ़ पैर करके नहीं सोया। वह जब भी दक्षिण की ओर जाता , उसे अपनी माँ के याद अवश्य आती। माँ अब नहीं है। पर आज जिधर भी पैर करके सोओ , वही दक्षिण दिशा हो जाती है। आज चारों ओर विध्वंस और हिंसा का साम्राज्य है।
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यमराज की दिशा नामक कविता में चारो और फैलती विनाशकारी और शोषक शक्तियो की और संकेत किया गया है । कवि की माँ कवि को बताया करती थी की वह ईश्वर से बात करती है । ईश्वर ने उसे बताया था की यमराज दक्षिण दिशा में रहता है ।
अतः दक्षिण की तरफ पैर करके कभी मत सोना । यमराज मृत्यु का देवता है। अगर दक्षिण की तरफ पैर करके सोये तो यमराज क्रुद्ध हो जाएगा और यमराज को क्रोधित करना अच्छा नहीं होता । कवि ने ऐसा ही किया ।
ऐसा करने से कवी को लाभ भी हुआ । यह लाभ था की वह कभी भी दिशा नहीं भुला । वह यमराज का घर देखना चाहता था । वह दक्षिण दिशा में दूर दूर तक भी गया । पर अफ़सोस वह कभी भी दक्षिण दिशा के छोर तक नहीं पहुँच सका ।
क्योंकि दक्षिण दिशा अनंत है ।
★ AhseFurieux ★
अतः दक्षिण की तरफ पैर करके कभी मत सोना । यमराज मृत्यु का देवता है। अगर दक्षिण की तरफ पैर करके सोये तो यमराज क्रुद्ध हो जाएगा और यमराज को क्रोधित करना अच्छा नहीं होता । कवि ने ऐसा ही किया ।
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