i need a essay in hindi about the topic both girls and boys are equal??
Answers
बेटों को कुल का वारिस समझकर पहले लोग बेटी को त्याग कर देते थे। मगर आज समाज बदला है। आज बेटी को भी वारिस घोषित किया जाता है।
आज बेटियां भी हर वह काम करने में सक्षम है जो एक बेटा कर सकता है। हम कह सकते हैं कि हर क्षेत्र में बेटियों की सहभागिता है।
इसलिए बेटी को कम न आंखें बस बात को ध्यान में रखें कि वह है तो दुनिया है वरना मातृहीन होंगे हम सब। बेटों को भी अब संस्कार का पाठ पढ़ाना आरंभ कीजिए।
Explanation:
लड़का और लड़की दोनों ही एक समान होते हैं। जितने लड़के जरूरी होते हैं नहीं लड़कियां भी जरूरी होती है। पहले के वक्त में लड़कियों को लड़कों से कम समझा जाता था पर अब बहुत हद तक यह बदल चुका है परंतु कुछ लोग आज भी इस घटिया सोच के साथ जीते हैं। सब कुछ उनके सामने होता है। हम हर जगह सुनते हैं कि लड़के और लड़कियां बराबर है परंतु कुछ लोगों के कान में जू तक नहीं रेंगती।
कुछ लोग लड़कियों की पढ़ाई को इतना आवश्यक नहीं समझते हैं। परंतु यह सच नहीं है लड़कियां भी पढ़ कर वह सब कर सकती हैं जो लड़के कर सकते हैं। कुछ ऐसी सोच जो हमें बदलने की जरूरत है जैसे- हमारे माता-पिता हमें कहते हैं कि
लरकीयों को पढ़ाई के साथ-साथ घर के सारे काम आने चाहिए क्योंकि
कितना भी पढ़ लो घर के सारे काम तो करने ही पड़ेंगे। यह अच्छी बात है परंतु यह सब तो वह लड़कों को भी सिखा सकते हैं सिर्फ लड़कियों को ही क्यों? क्योंकि घर के काम आना जितना लड़कियों को जरूरी है उतना ही लड़कों को भी। लड़कियां फुटबॉल नहीं खेल सकती, लड़कियां भी फुटबॉल खेल सकती हैं क्योंकि खेल तो खेल होता है और वह सभी के लिए बना होता है। आजकल तो सभी खेल में