Hindi, asked by Mansi120131, 6 months ago

I need a poem on hindi diwas,please help​

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Answered by bighnes87
1

Answer:

हिन्दी-हिन्दु-हिन्दुस्तान,

कहते है, सब सीना तान,

पल भर के लिये जरा सोचे इन्सान

रख पाते है हम इसका कितना ध्यान,

सिर्फ 14 सितम्बर को ही करते है

अपनी राष्टृ भाषा का सम्मान

हर पल हर दिन करते है हम

हिन्दी बोलने वालो का अपमान

14 सितम्बर को ही क्यों

याद आता है बस हिन्दी बचाओं अभियान

क्यों भूल जाते है हम

हिन्दी को अपमानित करते है खुद हिन्दुस्तानी इंसान

क्यों बस 14 सितम्बर को ही हिन्दी में

 

भाषण देते है हमारे नेता महान

क्यों बाद में समझते है अपना

हिन्दी बोलने में अपमान

क्यों समझते है सब अंग्रेजी बोलने में खुद को महान

भूल गये हम क्यों इसी अंग्रेजी ने

बनाया था हमें वर्षों पहले गुलाम

आज उन्हीं की भाषा को क्यों करते है

हम शत् शत् प्रणाम

अरे ओ खोये हुये भारतीय इंसान

अब तो जगाओ अपना सोया हुआ स्वाभिमान

उठे खडे हो करें मिलकर प्रयास हम

दिलाये अपनी मातृभाषा को हम

अन्तरार्ष्टृीय पहचान

ताकि कहे फिर से हम

हिन्दी-हिन्दु-हिन्दुस्तान,

कहते है, सब सीना तान||

-------- वन्दना शर्मा

Answered by Anonymous
2

Answer:

हिन्दी-हिन्दु-हिन्दुस्तान,

कहते है, सब सीना तान,

पल भर के लिये जरा सोचे इन्सान

रख पाते है हम इसका कितना ध्यान,

सिर्फ 14 सितम्बर को ही करते है

अपनी राष्टृ भाषा का सम्मान

हर पल हर दिन करते है हम

हिन्दी बोलने वालो का अपमान

14 सितम्बर को ही क्यों

याद आता है बस हिन्दी बचाओं अभियान

क्यों भूल जाते है हम

हिन्दी को अपमानित करते है खुद हिन्दुस्तानी इंसान

क्यों बस 14 सितम्बर को ही हिन्दी में

क्यों बाद में समझते है अपना

हिन्दी बोलने में अपमान

क्यों समझते है सब अंग्रेजी बोलने में खुद को महान

भूल गये हम क्यों इसी अंग्रेजी ने

बनाया था हमें वर्षों पहले गुलाम

आज उन्हीं की भाषा को क्यों करते है

हम शत् शत् प्रणाम

अरे ओ खोये हुये भारतीय इंसान

अब तो जगाओ अपना सोया हुआ स्वाभिमान

उठे खडे हो करें मिलकर प्रयास हम

दिलाये अपनी मातृभाषा को हम

अन्तरार्ष्टृीय पहचान

ताकि कहे फिर से हम

हिन्दी-हिन्दु-हिन्दुस्तान,

कहते है, सब सीना तान||

कहते है, सब सीना तान,

पल भर के लिये जरा सोचे इन्सान

रख पाते है हम इसका कितना ध्यान,

सिर्फ 14 सितम्बर को ही करते है

अपनी राष्टृ भाषा का सम्मान

हर पल हर दिन करते है हम

हिन्दी बोलने वालो का अपमान

14 सितम्बर को ही क्यों

याद आता है बस हिन्दी बचाओं अभियान

क्यों भूल जाते है हम

हिन्दी को अपमानित करते है खुद हिन्दुस्तानी इंसान

क्यों बस 14 सितम्बर को ही हिन्दी में

क्यों बाद में समझते है अपना

हिन्दी बोलने में अपमान

क्यों समझते है सब अंग्रेजी बोलने में खुद को महान

भूल गये हम क्यों इसी अंग्रेजी ने

बनाया था हमें वर्षों पहले गुलाम

आज उन्हीं की भाषा को क्यों करते है

हम शत् शत् प्रणाम

अरे ओ खोये हुये भारतीय इंसान

अब तो जगाओ अपना सोया हुआ स्वाभिमान

उठे खडे हो करें मिलकर प्रयास हम

दिलाये अपनी मातृभाषा को हम

अन्तरार्ष्टृीय पहचान

ताकि कहे फिर से हम

हिन्दी-हिन्दु-हिन्दुस्तान,

कहते है, सब सीना तान||

पल भर के लिये जरा सोचे इन्सान

रख पाते है हम इसका कितना ध्यान,

सिर्फ 14 सितम्बर को ही करते है

अपनी राष्टृ भाषा का सम्मान

हर पल हर दिन करते है हम

हिन्दी बोलने वालो का अपमान

14 सितम्बर को ही क्यों

याद आता है बस हिन्दी बचाओं अभियान

क्यों भूल जाते है हम

हिन्दी को अपमानित करते है खुद हिन्दुस्तानी इंसान

क्यों बस 14 सितम्बर को ही हिन्दी में

क्यों बाद में समझते है अपना

हिन्दी बोलने में अपमान

क्यों समझते है सब अंग्रेजी बोलने में खुद को महान

भूल गये हम क्यों इसी अंग्रेजी ने

बनाया था हमें वर्षों पहले गुलाम

आज उन्हीं की भाषा को क्यों करते है

हम शत् शत् प्रणाम

अरे ओ खोये हुये भारतीय इंसान

अब तो जगाओ अपना सोया हुआ स्वाभिमान

उठे खडे हो करें मिलकर प्रयास हम

दिलाये अपनी मातृभाषा को हम

अन्तरार्ष्टृीय पहचान

ताकि कहे फिर से हम

हिन्दी-हिन्दु-हिन्दुस्तान,

कहते है, सब सीना तान,

पल भर के लिये जरा सोचे इन्सान

रख पाते है हम इसका कितना ध्यान,

सिर्फ 14 सितम्बर को ही करते है

अपनी राष्टृ भाषा का सम्मान

हर पल हर दिन करते है हम

हिन्दी बोलने वालो का अपमान

14 सितम्बर को ही क्यों

याद आता है बस हिन्दी बचाओं अभियान

क्यों भूल जाते है हम

हिन्दी को अपमानित करते है खुद हिन्दुस्तानी इंसान

क्यों बस 14 सितम्बर को ही हिन्दी में

क्यों बाद में समझते है अपना

हिन्दी बोलने में अपमान

क्यों समझते है सब अंग्रेजी बोलने में खुद को महान

भूल गये हम क्यों इसी अंग्रेजी ने

बनाया था हमें वर्षों पहले गुलाम

आज उन्हीं की भाषा को क्यों करते है

हम शत् शत् प्रणाम

अरे ओ खोये हुये भारतीय इंसान

अब तो जगाओ अपना सोया हुआ स्वाभिमान

उठे खडे हो करें मिलकर प्रयास हम

दिलाये अपनी मातृभाषा को हम

अन्तरार्ष्टृीय पहचान

ताकि कहे फिर से हम

हिन्दी-हिन्दु-हिन्दुस्तान,

कहते है, सब सीना तान||

कहते है, सब सीना तान,

पल भर के लिये जरा सोचे इन्सान

रख पाते है हम इसका कितना ध्यान,

सिर्फ 14 सितम्बर को ही करते है

अपनी राष्टृ भाषा का सम्मान

हर पल हर दिन करते है हम

हिन्दी बोलने वालो का अपमान

14 सितम्बर को ही क्यों

याद आता है बस हिन्दी बचाओं अभियान

क्यों भूल जाते है हम

हिन्दी को अपमानित करते है खुद हिन्दुस्तानी इंसान

क्यों बस 14 सितम्बर को ही हिन्दी में

न्दी बोलने में अपमान

क्यों समझते है सब अंग्रेजी बोलने में खुद को महान

भूल गये हम क्यों इसी अंग्रेजी ने

बनाया था हमें वर्षों पहले गुलाम

आज उन्हीं की भाषा को क्यों करते है

हम शत् शत् प्रणाम

अरे ओ खोये हुये भारतीय इंसान

अब तो जगाओ अपना सोया हुआ स्वाभिमान

उठे खडे हो करें मिलकर प्रयास हम

दिलाये अपनी मातृभाषा को हम

अन्तरार्ष्टृीय पहचान

ताकि कहे फिर से हम

हिन्दी-हिन्दु-हिन्दुस्तान,

कहते है, सब सीना तान||

कहते है, सब सीना तान,

पल भर के लिये जरा सोचे इन्सान

रख पाते है हम इसका कितना ध्यान,

सिर्फ 14 सितम्बर को ही करते है

अपनी राष्टृ भाषा का सम्मान

हर पल हर दिन करते है हम

हिन्दी बोलने वालो का अपमान

14 सितम्बर को ही क्यों

याद आता है बस हिन्दी बचाओं अभियान

क्यों भूल जाते है हम

हिन्दी को अपमानित करते है खुद हिन्दुस्तानी इंसान

क्यों बस 14 सितम्बर को ही हिन्दी में

क्यों बाद में समझते है अपना

हिन्दी बोलने में अपमान

क्यों समझते है सब अंग्रेजी बोलने में खुद को महान

भूल गये हम क्यों इसी अंग्रेजी ने

बनाया था हमें वर्षों पहले गुलाम

आज उन्हीं की भाषा को क्यों करते है

हम शत् शत् प्रणाम

अरे ओ खोये हुये भारतीय इंसान

अब तो जगाओ अपना सोया हुआ स्वाभिमान

उठे खडे हो करें मिलकर प्रयास हम

दिलाये अपनी मातृभाषा को हम

अन्तरार्ष्टृीय पहचान

ताकि कहे फिर से हम

हिन्दी-हिन्दु-हिन्दुस्तान,

कहते है, सब सीना तान||

कहते है, सब सीना तान,

पल भर के लिये जरा सोचे इन्सान

रख पाते है हम इसका कितना ध्यान,

सिर्फ 14 सितम्बर को ही करते है

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