Hindi, asked by Siya943, 1 year ago

I need a summary on naya raasta of sushma aggarwal's; on chapter 1, 2,3.

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Answered by ishaagrawal
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नया रास्ता दो सहेली नीलिमा और मीनू की कहानी है | नीलिमा सुंदर मगर मीनू थोड़ी सावली है | दोनों ही एक दूसरे की परवाह करते थे | 
पाठ - 1नीलिमा खुद को आईने में निहार रही थी तभी मीनू आई | वह खुश नज़र आ रही थी क्योंकि उसकी तस्वीर मेरठ के लड़के वालों को पसंद आ गयी थी | नीलिमा की खूबसूरती देख वो खुद में हीन भावना महसूस करती थी जिसे नीलिमा ने भांप लिया था पर तुरंत ही उसका भाई नीलिमा की माँ के साथ कमरे में आए और साथ लाये एम.ए. के परिणाम जिसमें मीनू प्रथम श्रेणी में पास हुई थी और नीलिमा दूसरे श्रेणी में | मीनू बहुत ख़ुशी से झूमने लगी और अपने घर चली गयी | नीलिमा मीनू का उदास चेहरा न भूल पाई |
पाठ - 2 दयाराम जी के घर लड़के वालों के स्वागत की तैयारी चल रही थी | विभिन्न प्रकार के व्यंजन और अनेक मिठाईयां थीं | मीनू की माँ को रिश्ता पक्का होने की आशा थी | कुछ देर बाद लड़का अमित, उसके पिता मायाराम जी, उसकी माँ और बहन आए | बात चली और फिर अमित और मीनू अकेले बातें करने लगे | अमित ने उसकी पसंद पूछा और फिर पूछा की क्या वह उनके संयुक्त परिवार में रह पाएगी जिस पर मीनू ने हां कहा | अमित के मन में मीनू का भोला चेहरा घर कर गया | तभी उसकी बहन आशा और भाई रोहित आ गए | आशा सुंदर थी और उस सुंदर चेहरा अमित की माँ को भा गया | मीनू की माँ को सबका आशा से ज्यादा बातें करना पसंद नहीं आ रहा था क्योंकि मीनू को थोड़े सांवले रंग की वजह से ना कह दिया गया था | जाते समय अमित के घरवालों ने कहा की वे विचार करेंगे और फिर पत्र भेजेंगे | 
पाठ - 3अमित और मायाराम जी जब घर पहुंचे तो एक सज्जन उनका इंतजार कर रहे थे | वह एक धनी व्यक्ति थे जिनका नाम धनीमल था | वे अपनी बेटी सरिता का रिश्ता लेकर आए थे | सरिता की फोटो और शादी में पांच लाख खर्च करने का प्रस्ताव दिया | मायाराम जी दहेज़ विरोधी थे और उनके प्रस्ताव को ना कह दिया | उन्होंने बताया की उन्होंने एक लड़की देख कर आ रहे हैं जो पसंद हैं | मायाराम जी अपने बेटे को पैसों में जकड़ना नहीं चाहते थे | धनीमल जी ने फिर भी एक बार विचार करने को कह कर चले गए | सबने जब बाद में सोचा तो मायाराम जी को मीनू ही ठीक लगी पर माताजी को पैसों का लालच आ गया | उन्होंने सरिता की तरफदारी की | अमित को शंका थी की बड़े घर की लड़की संयुक्त परिवार में रह पाएगी पर माँ की तर्क के आगे कोई कुछ न कह सका | मीनू को मना करना तय हुआ पर समझ नहीं आया कैसे | माताजी ने सुझाया की पत्र में मीनू की जगह आशा का रिश्ता माँगा जाए जिस पर लड़की वाले खुद ही ना कह देंगे | मायाराम जी ने पत्र लिखा पर इन सब से खुश न थे और अपराधबोध हो रहा था | उन्हें लड़कीवालों पर होने वाले पीड़ा का आभास था |

Siya943: Thnx ishaagrawal for helping.
ishaagrawal: welcome Siya :-)
Answered by devip649110
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Answer:

here is your answer

Explanation:

hope it will helps you

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